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fertilizer for paddy field: कृषि पदाधिकारी ने यह भी सलाह दी कि किसान धान रोपाई से पहले बताए गए तरीके और नियम से खेत में खाद डाल देते हैं तो इससे पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और पैदावार भी जबरदस्त होगी.
कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसान अंतिम जुताई से पहले डीएपी और पोटाश को खेत की मिट्टी में अच्छी तरह मिला लें. उन्होंने कहा कि इन उर्वरकों का अधिकतम लाभ तभी मिलता है जब इन्हें खेत की मिट्टी में सही तरीके से मिलाया जाए. अगर किसान रोपाई के बाद सीधे डीएपी या पोटाश को पानी में डालते हैं तो पौधे इसे सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाते जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है.
कब कौन सी खाद करें इस्तेमाल
रामबाबू ने बताया कि एक बीघा खेत के लिए 10 किलो पोटाश का प्रयोग पर्याप्त होती है. इसके साथ ही उन्होंने उर्वरकों के संतुलित उपयोग पर ज़ोर देते हुए कहा कि किसान अधिक मात्रा में या गलत समय पर उर्वरकों का प्रयोग न करें. इसके अलावा, उन्होंने यूरिया और नैनो यूरिया के प्रयोग को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए. उनके अनुसार, यूरिया का प्रयोग रोपाई के 20 से 25 दिन बाद किया जाना चाहिए, जबकि नैनो यूरिया का प्रयोग 35 से 40 दिन के भीतर किया जा सकता है. इससे पौधों को समय पर आवश्यक नाइट्रोजन मिलती है, जो उनकी वृद्धि के लिए जरूरी होती है.
कृषि पदाधिकारी ने किसानों को यह भी सलाह दी कि वे DAP, पोटाश और यूरिया के साथ-साथ जिंक और बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी उचित मात्रा में प्रयोग करें. इससे पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. जिला कृषि विभाग का मानना है कि यदि किसान इन वैज्ञानिक तरीकों और निर्देशों का पालन करें, तो इस बार धान की और बंपर उपज हो सकती है.