कौन हैं लखनऊ के शुभांशु शुक्ला, जो रचने वाले हैं इतिहास, NDA पास करके बने IAF पायलट

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Success Story, Shubhanshu Shukla: भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल आने वाला था,लेकिन थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. ISRO के एस्ट्रोनॉट और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)की यात्रा फिर टल गई है. वह आज यानी 11 जून 2025 को शाम 5:52 बजे ISS के लिए उड़ान भरने वाले थे,लेकिन स्पेसक्राफ्ट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक होने की वजह से लॉन्चिंग कैंसिल कर दी गई. नई डेट अभी सामने नहीं आई है.आइए जानते हैं शुभांशु शुक्‍ला कौन हैं?

Who is Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं.उनकी स्कूलिंग लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से हुई. 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA)का एंट्रेंस एग्जाम पास किया और वहां से ग्रेजुएशन किया. NDA भारत की एक टॉप ट्रेनिंग एकेडमी है,जो आर्मी,नेवी और एयरफोर्स के लिए ऑफिसर्स तैयार करती है.इसकी डिग्री जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से मिलती है.

NDA IAF Shubhanshu Shukla: फाइटर विंग में शामिल

17 जून 2006 को शुभांशु को भारतीय वायुसेना (IAF)के फाइटर विंग में शामिल किया गया.वह एक शानदार फाइटर पायलट और टेस्ट पायलट हैं. उनके पास 2,000 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है.उन्होंने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे कई फाइटर जेट्स उड़ाए हैं. मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन की पोस्ट पर प्रमोट किया गया.वह एक फाइटर कॉम्बैट लीडर भी हैं.

क्या हुआ लॉन्चिंग के साथ?

शुभांशु एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4)के तहत ISS जा रहे थे.वह चार लोगों के क्रू का हिस्सा थे और इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाने वाले थे. प्लान ये था कि उनका स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे का सफर तय करके 12 जून की रात 10 बजे ISS पहुंचेगा. ये मिशन 14 दिनों का था, लेकिन लॉन्चिंग से पहले स्पेसक्राफ्ट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक हो गया,जिसकी वजह से इसे टालना पड़ा.

गगनयान मिशन से ISS तक की जर्नी

2019 में ISRO ने शुभांशु को भारत के पहले ह्यूमन स्पेस मिशन गगनयान के लिए चुना.इस मिशन के लिए चार एस्ट्रोनॉट्स सेलेक्ट किए गए थे-शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप.गगनयान की तैयारी के लिए शुभांशु ने 2019-2021 तक रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में सख्त ट्रेनिंग ली. इसके बाद वो भारत लौटे और बेंगलुरु में ISRO की एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में भी ट्रेनिंग की. 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) में गगनयान मिशन के चारों एस्ट्रोनॉट्स को एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए. उसी दिन शुभांशु को एक्सिओम मिशन-4 के लिए ऑफिशियली सेलेक्ट किया गया.

एक्सिआम मिशन-4 क्या है?

एक्सिआम मिशन-4 एक प्राइवेट स्पेस मिशन है, जो अमेरिकी कंपनी एक्सिआम स्पेस ने NASA और SpaceX के साथ मिलकर प्लान किया है.ये उनका चौथा मिशन है (पहले Ax-1, Ax-2 और Ax-3 हो चुके हैं). इसे मार्च से जून 2025 के बीच लॉन्च करना था. लॉन्चिंग फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर (LC-39A) या केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन (SLC-40) से फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए होनी थी.मिशन 14 दिनों का है.

भारत के लिए बड़ा मौका

ये मिशन भारत के लिए बहुत बड़ा मौका था, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)जाने वाला था.इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा स्पेस में गए थे और वो पहले भारतीय थे. शुभांशु की ये जर्नी भारत के स्पेस इतिहास में नया चैप्टर जोड़ने वाली थी, लेकिन अब थोड़ा और इंतजार करना होगा.शुभांशु शुक्ला की कहानी प्रेरणा से भरी है.लखनऊ से NDA, फिर IAF में फाइटर पायलट और अब एक एस्ट्रोनॉट.उम्मीद है कि जल्द ही नई लॉन्च डेट आएगी और वो ISS के लिए उड़ान भरेंगे.



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