चाहे इधर हों या उधर, नीतीश जी को तो… तेजस्वी यादव के बयान पर जनता ने कर दिया सब क्लियर

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बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. अभी होली का माहौल है और उससे पहले ही प्रदेश नेताओं की जुबानी रंग सिर चढ़कर बोल रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर किसी के जुबान में चर्चा में हैं.

एक्स

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की तस्वीर (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • बिहार में चुनाव से पहले नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है.
  • तेजस्वी यादव ने जेडीयू गठबंधन की अटकलों को खारिज किया.
  • जनता ने युवा मुख्यमंत्री की जरूरत पर जोर दिया.

जहानाबाद. बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. अभी होली का माहौल है और उससे पहले ही प्रदेश नेताओं की जुबानी रंग सिर चढ़कर बोल रही है. बिहार का प्रमुख दल एक ओर एनडीए और दूसरी ओर महागठबंधन के बीच बयानबाजी सिर चढ़कर बोल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व CM राबड़ी देवी के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिला. चुनाव से पहले सभी दलों की तैयारी भी तेज हो गई है. अपने अपने वादों को जनता के सामने लाने के लिए लगातार बैठकें हो रही है. इसी कड़ी में पटना राजद कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेडीयू के साथ गठबंधन की अटकलों पर तेजस्वी यादव भड़क गए.

इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी को कोई ऑफर नहीं किया जा रहा है. इस तरह के बयान देने के लिए मेरे और लालू जी के अलावा कोई अधिकृत नहीं है. इसी प्रतिक्रिया पर जहानाबाद की जनता का मिजाज जानने के लिए Local 18 की ग्राउंड पर पहुंची. इस दौरान शहर की जनता ने जो कुछ कहा वो शायद चौंकाने वाला है. जहानाबाद के रहने वाले अवधेश प्रसाद ने कहा कि नीतीश जी सिर्फ कुर्सी प्रेमी हैं. चाहे इधर हो या उधर, कहीं भी रहें कुर्सी तो रहनी ही चाहिए. अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही है. नीतीश जी ये खुद कभी नहीं बोले हैं कि हम प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन अन्दर क्या खिचड़ी पक रही, ये कोई नहीं जानता है.

युवा मुख्यमंत्री से बदलेगी बिहार की तस्वीर
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव से पहले कुछ भी हो सकती है. देखते जाइए चुनाव आते आते कैसे सियासी रंग बदलता है. एक युवा चंदन कुमार ने बिहार की सियासत पर कहा कि यहां की सूरत बदलने के लिए युवा मुख्यमंत्री की जरूरत है. क्योंकि अगर कोई युवा मुख्यमंत्री बनता है तो वो बेहतर तरीके से सोच सकते हैं. माहौल बदल सकते हैं. बिहार का विकास सड़क निर्माण, पुल पुलिया बना देने से नहीं हो सकता है. यदि आपको विकास ही करना है तो शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाना होगा.

बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा, तभी बिहार की दशा और दिशा बदल सकती है. शिक्षा को मुफ्त करना बेहद हो लाभकारी होगा, वो भी गुणवत्तायुक्त. फार्म भरने में जो भी पैसे लगते हैं उसे कम किया जाए ताकि गरीब भी इसका लाभ उठा सके.

‘नीतीश जी की सोचनीय क्षमता कम हो गई है’
वहीं, एक अन्य जहानाबाद निवासी युगल किशोर सैनिक ने नीतीश कुमार को राजद से ऑफर किए जाने के सवाल पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. तेजस्वी यादव ने सही कहा है. वो ऐसा कह ही नहीं सकते हैं. वो खुद एक प्रभावशाली नेता हैं. यदि दोनों के बीच कोऑर्डिनेशन बनता है तो अलग बात है, लेकिन ऐसे ऑफर करना संभव नहीं है.

तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो एक युवा नेता हैं और उनको CM बनना चाहिए. यहां की जनता को भी यह सोचना चाहिए कि नीतीश कुमार जी को राजनीत में आए समय हो चुका है, ऐसे में अब उनकी सोचने की क्षमता थोड़ी कम हो गई है, ऐसे में अगर युवा मुख्यमंत्री आते हैं तो बिहार का परिवेश बदलेगा.

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इधर हों या उधर, नीतीश जी को तो… तेजस्वी के बयान पर जनता ने कर दिया क्लियर



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