केंद्र सरकार ने सभी प्रशिक्षकों की एनएसएस इकाई के बारे में विवि के समन्वयक से आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई थी। साथ ही शर्त थी कि जिन इकाइयों का एनएसएस का खाता अलग होगा, उन्हें ही फंड दिया जाएगा। विवि से जो जानकारी दी गई है, उसमें सात पैनल में एनएसएस का अलग से खाता शामिल नहीं है।
बिहार के तिलकमाझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के सात प्रतिभागियों को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के पागलों से मिलने वाले फंडों से प्रतिस्पर्धा कर दी है। जबकि तीन कोचिंग के एनएसएस शेयरधारकों को स्थानांतरित कर दिया गया है। भारत सरकार की ओर से 17 सितंबर से 1 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान और 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इन पोर्टफोलियो से फंड नहीं मिलने पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार ने सभी प्रशिक्षकों की एनएसएस इकाई के बारे में विवि के समन्वयक से आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई थी। साथ ही शर्त थी कि जिन इकाइयों का एनएसएस का खाता अलग होगा, उन्हें ही फंड दिया जाएगा। विवि से जो जानकारी दी गई है, उसमें सात पैनल में एनएसएस का अलग से खाता शामिल नहीं है। जिन प्लांट में खाता अलग था। उसे भी कॉर्पस अकाउंट में मिला दिया गया है। इसी कारण से पोर्टफोलियो को फंड से बढ़ावा दिया गया। इसकी जानकारी उन्हें दे दी गयी है।
टीएनबी कॉलेज, इसमें बीएन कॉलेज, मुरारका कॉलेज, जापान कॉलेज, जीबी कॉलेज, टीएनबी लॉ कॉलेज और मदन अहिल्या कॉलेज नवगछिया शामिल हैं। जबकि टीएमबीयू की एनएसएस यूनिट यूनिट एसएम कॉलेज, मारिगरी कॉलेज, एसएसबी कॉलेज कहलगांव और पीबीएस कॉलेज बांका को वित्त पोषित किया गया है। अंगीभूत के अलावा इससे संबद्ध पूर्णमल बाजोरिया ट्रेनिंग कॉलेज, डीएनएस कॉलेज रजौन, एलएनबीजे कॉलेज रामारपुर, टेडर कॉलेज और महादेव सिंह कॉलेज को भी फंड जारी किया गया है।
तिलका वजीर बाग़ विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि जिन पाइपलाइन ने एनएसएस के बैंक ऑफ इंडिया पर विचार किया है, वह गलत है। एनएसएस के खाते में मोटी राशि से खाता देखा गया है। उसे अलग करने के लिए निर्देश जारी किये जायेंगे। ऐसे ही नमूनों को तलब किया जाएगा। मेडिसिन एक्शन भी हो सकता है।