बिहार सरकार ने उर्दू परामर्शदात्री समिति का पुनर्गठन किया है। किशनगंज के ठाकुरगंज विधानसभा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री नौशाद आलम को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नवमनोनीत अध्यक्ष नौशाद आलम गुरुवार को किशनगंज पहुंचे।
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किशनगंज पहुंचने पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नौशाद आलम का रेलवे स्टेशन पहुंचकर जोरदार स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें फूल-मालाएं पहनाकर सम्मानित किया और बधाई दी। जिसके बाद नौशाद आलम अपने निज आवास ठाकुरगंज के लिए रवाना हो गए।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग ने समिति के पुनर्गठन संबंधी संकल्प जारी किया है। पिछली उर्दू परामर्शदात्री समिति का गठन 10 अगस्त 2015 को हुआ था, जिसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह पुनर्गठन किया गया है।
नौशाद आलम का स्वागत करने पहुंचे कार्यकर्ता।
मुख्यमंत्री ने भरोसा कर दिया पद
इस अवसर पर अध्यक्ष नौशाद आलम ने कहा, “आचार संहिता लागू होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह तोहफा दिया है। उन्होंने उर्दू परामर्शदात्री का गठन किया है। समिति ने मुझ पर जो भरोसा करके जिम्मेदारी सौंपी है, मैं उसका शुक्रगुजार हूं और अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाऊंगा।”
उन्होंने बताया कि बिहार जैसे राज्य में उर्दू भाषा से जुड़े विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श और सलाह देने के लिए इस समिति का गठन किया गया है। बता दें कि नौशाद आलम ठाकुरगंज विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं और बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उनके नेता कहते है, यह नई उपलब्धि उनके अनुभव और समर्पण का प्रमाण है।