सीवान में इस बार दुर्गापूजा के लिए 70 फीट ऊंची सजावट की जा रही है जो कि एक बौद्ध मंदिर के रूप में तैयार की गई है। पी देवी घुमाव की नवयुवक सेवा समिति ने तैयार किया है ये सामान, जिसमें…
सीवान, हिंदुस्तान टाइम्स। शहर के चारों ओर एक से बढ़कर एक विरोध इस बार दुर्गापूजा में लोगों को देखने को मिलेगा। कहीं पौराणिक मंदिर तो कहीं एतिहासिक किलों को मंदिर का रूप दिया जा रहा है। इसी क्रम में हर बार अलग-अलग डिजाइन में मंदिर वाली पी देवी घुमाव की पूजा समिति इस बार विदेशी मंदिरों की दुकानों पर शेयर खरीद रही है। शहर के पी देवी मोड़ पर नवयुवक सेवा समिति की पूजा में इस बार आदिवासियों के बौद्ध मंदिर का रूप लिया जा रहा है। 70 फीट की कलाकृति को बनाने में मुख्य रूप से बांस का इस्तेमाल किया जा रहा है। देवघर के मो. सनाउल्लाह एसोसिएटेड पांचवे साझीदार कलाकार दल के साथ मिलकर पी देवी देवता पर सामान बना रहे हैं। वहीं बंगाल के मूर्तिकार सन्यासी पाल मां दुर्गा की 13 फीट ऊंची मूर्ति आर्शीवादी मुद्रा में बने हुए हैं। सिंह पर सवार देवी दुर्गा की महिषासुर की प्रतिमा का निर्माण यूपी के गोरखपुर में चल रहा है। पूजा में मां लक्ष्मी, गणेश जी, सरस्वती जी और कार्तिकेय जी की प्रतिमाएं देखें। पूजा समिति के अनुसार, पी. देवी की बदलती पूजा से ही शुरू होती है अपनी भव्यता और संस्कृति के लिए जाना-पहचाना। इस बार पूजा के विशेष रूप से रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग करने के लिए इस बार बंगाल के पूजा आयोजन की तरह-तरह की सजावट करने के लिए बंगाल से लाइट मांगी गई है। वर्ष 1978 से पी देवी मोड़ पर हो रही है मां दुर्गा की पूजा शहर के पी देवी मोड़ पर वर्ष 1978 से मां दुर्गा की पूजा हो रही है। समय के साथ-साथ प्रतिमान और प्रतिमान के स्वरूप में परिवर्तन आ गया है। पहले समूह के लोग ही सम्मिलित देवी दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बनाते थे, लेकिन हाल के कुछ वर्षों से गोरख से मूर्ति मंगाई जा रही हम दुर्गा की पूजा से पूरे समूह के लोगा की प्रतिमाएं स्थापित कर रहे हैं। पूजा को व्यापक रूप से प्रस्तुत करने के लिए इन दिनों सभी ने मिलकर नवयुवक सेवा समिति का गठन कर डॉ. अरविंद सिन्हा को समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वर्तमान डॉ. अरविंद सिन्हा ही समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि उपाध्यक्ष कृपाल पंडित हैं जबकि सचिव अनिमेष ठाकुर नीकी फंटूश हैं। समिति के अनुसार पूरे जिले के लोग पूजन कार्य सहित अन्य सभी प्रकार की तैयारियों में अपना सहयोग मिल-जुलकर कर रहे हैं। क्या कहते हैं समिति के अध्यक्ष पी देवी मोड़, नवयुवक सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विन्द सिन्हा ने बताया कि किसी भी प्रतिमा या मूर्ति के साथ-साथ देवी की साज-सजा में भी पूरी तरह से परंपरा का पालन किया जाता है। पी देवी घुमाव पर 47 साल से पूजा समिति में शामिल होकर मां भगवती की पूजा समिति के सदस्य आपसी भाईचारा के साथ मिलजुल कर करते हैं। इस बार यहां एक बौद्ध मंदिर की तरह की पूजा देखने को मिलेगी।