पूर्णिया में नदी में समाया मस्जिद का ढांचा।
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पूर्णिया में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश जिलों की नदियां उफान पर हैं। बायसी में उंगली वाली महानंदा, कनकई और परमान जैसी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। यहां अप्रत्यक्ष सिद्धांत हैं। बायसी के तारा बाबडी में कटाव ने सादृश्य रूप ले लिया है। यहां एक मस्जिद का ढांचा कनक नदी में समा गया है। इस घटना का 28 अप्रैल 2019 को लाइव वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे मस्जिद का ढांचा विशाल चांद में नदी में समा गया।
वीडियो बायसी के तारा पंचायत के, पश्चिम के तारा बाबा की। यहां कनकई नदी की लहरों ने जमीन को अंदर ही अंदर समेट लिया है, इस काढ़े में सात किताबों के बीच मस्जिद का एक ढांचा है, कनकई की कोख में समा गया है। 28. इस वीडियो में कनकई नदी के किनारे से तीन बच्चे और एक नवयुवक को नदी के एक किनारे से घर में भागते और छिपते देखा जा सकता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कन्ककी की तेज लहरों में जल समाधि ले लेता है कनक की तेज लहरों के साथ, बाद में देखते ही देखते हैं कनक की तेज लहरों में जल समाधि ले लेता है।
वीडियो के नोटबुक में थोक में हलचल दिखाई देती है और फिर मैसाचुसेट्स में ये संरचना भर कर पानी में समा जाती है। वीडियो के 14वें से 20वें तक ये ढांचा पूरी तरह से पानी में विलीन हो जाता है। इस वीडियो में घटित घटनाओं से लेकर कुछ पुतलियों की हलचल का भी अवलोकन किया जा सकता है। कनकई से लगे तारा बबी गांव की कई नदी और तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें कन्काई नदी की जमीन के हिस्सों को डिजाइन करते हुए और कुछ लोगों को कटाव के दर्रे से अपने हाथों से आशियाने उजाड़ते हुए देखा जा सकता है।
तारा बाबा पंचायत नदी के पश्चिम तारा बाबा मंदिर में मस्जिद ही नहीं बल्कि अब तक आठ घर कनक की लहरों में जलसमाधि ले चुके हैं। वहीं अब इस गांव के घर-घर पर कटाव का खतरनाक भंडार चल रहा है। कतव रिची में साबिर अब्दुल वली, मोलवी रश्न, मुश्ताक आलम, आबिद हुसैन, रजी अहमद, साबर, मरगूब आलम समेत एक अन्य शामिल हैं। कटाव की जद में इनका घर विलिन हो गया है। वही कनक नदी के कटाव से डरे सहमे ग्रामीण रतजग्गा कर रहे हैं। वहीं कई लोग गांव छोड़कर दूसरी जगह शरण ले रहे हैं।