बिहार भूमि सर्वेक्षण: वास्तविक हुई भूमि का नहीं हुआ है म्यूटेशन तो क्या करें, दान की भूमि का सर्वेक्षण मूल नाम से होगा


बिहार भूमि सर्वेक्षण: भूदान में दी गयी जमीन और लालकार्ड की जमीन अगर बिक्री की गयी है तो उस जमीन का सर्वेक्षण नये सिरे से नाम से नहीं होगा। क्योंकि सरकार ने ज़मीन पर ताला नहीं लगाया था।

निशांत नंदन हिंदुस्तानपूर्णियारविवार, 29 सितंबर 2024 06:06 पूर्वाह्न
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बिहार भूमि सर्वेक्षण: बिहार में भू-सर्वेक्षण करने वाले अधिकारियों ने आम लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया। पूर्णिया जिले में जागरूकता अभियान में मुख्य रूप से सहायक अभियंता अनिल कुमार मंडल, खंड प्रमुख जियाउल हक, उपप्रमुख ललन कुमार सिन्हा आदि शामिल थे। खंडोबास्ट के कार्यालय में आयोजित बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। जमीन के सर्वेक्षण में साझीदारों, जमींदारों और रैयतों के सहयोग की जरूरत है।

सभी समय अपने राजस्व मौजा के सर्वेक्षण अमीन को अपनी जमीन की कटाई भर कर जमा कर दें ताकि सर्वेक्षण अमीन समय पर अपनी जमीन से अध्ययन करें और अपने प्लाट पर आरंभिक सर्वेक्षण कार्य को पूरा करें। रावत ने बताया कि रैयत की जमीन का कटान है और किसी तरह का कोई विवाद नहीं है तो उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। रैयती जमीन खरीदी गई है और उस जमीन पर यात्री हैं, लेकिन किसी कारणवश म्यूटेशन नहीं हुआ है तो उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

खरीद के लिए कागजात के साथ फॉर्म म्युचुअल सर्वे अमीन को जमा कर दें। भूदान में दी गई जमीन एवं लालकार्ड की जमीन की बिक्री की गई है तो उस जमीन का सर्वेक्षण नए सिरे से नहीं किया जाएगा। क्योंकि सरकार ने ज़मीन पर ताला नहीं लगाया था। उस जमीन पर खेतीबाड़ी कर जीवन यापन के लिए उक्त लोगों के बीच भूदान, लालकार्ड के रूप में दिया गया था। वहीं अधिकारियों ने सिकमी रैयत को लेकर बताया कि सिकमी रैयत की जमीन को अगर कोर्ट से डिग्री प्राप्त कर पासीकर ले जाया जा रहा है तो उस रैयत को कोई परेशानी नहीं होगी। उसके लिए सर्वेक्षण अमीन को कोर्ट द्वारा रैय्यत करना अनिवार्य होगा।



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