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Red Banana Farming: डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने बिहार के किसानों को लाल केले की खेती की सलाह दी है, जो सेहत के लिए फायदेमंद और आर्थिक रूप से लाभक…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- बिहार के किसानों को लाल केले की खेती की सलाह
- लाल केला स्वाद में मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर
- लाल केले की खेती सेहत और आमदनी दोनों के लिए बेहतर
समस्तीपुरः बिहार के किसान लगातार इस सोच में रहते हैं कि कोई ऐसी फसल अपनाई जाए जिससे आमदनी बढ़े और बाजार में अच्छी मांग भी बनी रहे. इसी दिशा में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने एक नई राह दिखाई है. उन्होंने बताया कि अब किसान पारंपरिक हरे और पीले केले के साथ-साथ लाल केले की खेती कर सकते हैं, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि यह फसल सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है.
अंतिम चरण में अनुसंधान
डॉ. सिंह ने बताया कि पूसा विश्वविद्यालय और केला अनुसंधान केंद्र, गोरौल पिछले तीन वर्षों से लाल केले पर अनुसंधान कर रहे हैं, जो अब अपने अंतिम चरण में है. हालांकि अभी इसे व्यवसायिक स्तर पर किसानों के लिए रिलीज नहीं किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे अनुसंधान परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद किसानों को लाल केले की खेती करने की अनुमति दी जा सकती है. बताया जाता है कि लाल केले की खेती दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पहले से हो रही है. खासकर केरल और महाराष्ट्र में इसका अच्छा उत्पादन होता है और इसकी बाजार में मांग और कीमत दोनों ही अच्छी रहती हैं.
डॉ. संजय सिंह का मानना है कि बिहार के कृषि जलवायु में इस केले का उत्पादन हरे और पीले केले की तुलना में थोड़ा कम होता है, लेकिन इसकी उच्च कीमत किसानों को अच्छी आमदनी दे सकती है. साथ ही, बाजार में इसकी मांग साल भर बनी रहती है, जिससे किसानों को नुकसान का खतरा कम रहता है. उन्होंने बताया है कि लाल केले के सेवन से शरीर को कई फायदे मिलते है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इसमें शुगर की मात्रा कम होती है, इसलिए डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं.
इसमें मौजूद पोटैशियम किडनी में स्टोन बनने से रोकता है और बीटा कैरोटीन दिल से जुड़ी बीमारियों और कैंसर से बचाव में मदद करता है. इसके अतिरिक्त लाल केले में फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है. डॉ. सिंह ने बताया कि इस केले का छिलका लाल होता है, जबकि फल अंदर से हल्का पीला होता है, जो इसे अन्य किस्मों से अलग बनाता है.