भारतीय पुलिस सेवा (एआईपीएस) के वरिष्ठ सदस्य और पूर्णिया रेंज के आईजी शिवदीप लांडे ने साफ किया है कि उनकी किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई बात नहीं चल रही है और ना वो किसी राजनीतिक दल की सहमति से शामिल हो रहे हैं। लांडे के सामने ग्यान की राजनीतिक पारी की मान्यता को खारिज करने से उनके अगले कदम पर सस्पेंस और बढ़ोतरी हुई है कि उन्होंने फिर नौकरी क्यों छोड़ी और आगे बिहार में क्या करने वाले हैं। महाराष्ट्र के अकोला में रहने वाले 48 साल के लांडे ने गुरुवार को सरकार को अपना त्याग पत्र भेजा था।
बिहार कादर के 2006 के बैच के वीडियो में शिवदीप लांडे ने फेसबुक पोस्ट के जरिए निर्वासन की घोषणा की थी और कहा था कि वो बिहार ठीक नहीं हो रहे हैं। लांडे ने ये भी कहा था कि बिहार ही उनकी कर्मभूमि है। इसके बाद उनके प्रशांत किशोर के जन सूरज से जुड़कर पटना सिटी की किसी भी सीट पर चुनाव की यात्रा की गई।
शिवदीप वामनराव लांडे ने शुक्रवार को फेसबुक पर लिखे पोस्ट में कहा- ”सर्वप्रथम मैं पूरे दिल से सभी का गौरव दिखाना चाहता हूं कि मैं कल से मुझे जो प्यार और प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है, वो मैंने कभी नहीं सोचा था। मेरे कल के त्यागपत्र के बाद कुछ मीडिया वाले इस संभावना को तलाशने में लगे हैं कि शायद मैं किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ने जा रहा हूं। मैं इस पोस्ट के माध्यम से सभी को ये चाहता हूं कि मेरी न ही राजनीतिक पार्टी से कोई बात हो रही है और न ही किसी पार्टी के संयोजन से मैं शामिल होने जा रहा हूं। कृपया मेरा नाम किसी के साथ जोड़ कर न देखें।”
शिवदीप लांडे ने गुरुवार को फेसबुक पोस्ट में इस्तीफे की घोषणा करते हुए लिखा था कि उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से त्यागपत्र दिया है लेकिन बिहार में ही रहेंगे और आगे भी बिहार में ही उनकी कर्मभूमि रहेगी। राजनीतिक पारी की शुरुआत की अटकलों को लांडे द्वारा खारिज करने के बाद उनके अगले कदम पर सस्पेंस बढ़ गया है। लांडे अगर राजनीति में नहीं जा रहे हैं तो क्या समाजसेवा के लिए कोई कार्यस्थल शुरू करने वाले हैं या फिर किसी पुराने घर की नौकरी बेचने जा रहे हैं।