सीतामढ़ी: 41 साल तक दो भाइयों ने की दरोगा की नौकरी, रिटायर हुए तो खुली ये पोल

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Sitamarhi news in hindi: सीतामढ़ी से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसका खुलासा होने के बाद अधिकारी भी सन्न हैं कि आखिर एक आदमी…..

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सीतामढ़ी: नौकरी में जालसाजी के मामले तो आपने कई सुने होंगे लेकिन, बिहार के सीतामढ़ी से एक गजब मामला सामने आया है. सच्चाई सामने आने पर अधिकारी भी सन्न हैं. दरअसल, एक सर्टिफिकेट, एक ही पैन और शरीर माप के आधार पर दो लोग दरोगा की नौकरी कर रहे थे. दोनों 41 साल से नौकरी कर वेतन भी उठाते रहे लेकिन, विभाग को भनक तक नहीं लगी. जब दोनों ने एक साथ रिटायरमेंट के लिए अपने अपने रिटायर्ड जिले में पेंशन के लिए दस्तावेज जमा किया तब इसका खुलासा हुआ.

आंख में धूल झोंककर दो ममेरे-फुफेरे भाई कर रहे थे नौकरी
बता दें कि शिवहर से दारोगा के पद से रिटायर विक्रमा सिंह की जालसाजी का मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. विक्रमा सिंह सरकार और विभाग की आंख में धूल झोंक कर फुफेरे भाई के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे थे. इसे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया जिसके बाद शिवहर पुलिस एक्शन में आ गई. पुलिस विक्रमा सिंह के शिवहर में पदस्थापन से लेकर सेवानिवृत्ति तक के सेवाकाल का इतिहास खंगाल रही है. बताया जा रहा है कि विक्रमा सिंह शिवहर जिले में वर्ष 2018 से लेकर 2023 तक तैनात थे. इस दौरान वह शिवहर, तरियानी और पिपराही थाने में तैनात थे.

क्या कहते हैं शिवहर एसपी
इस संबंध में एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि विक्रमा सिंह के शिवहर से रिटायर होने का मामला सामने आया है. इस संबंध में आर्थिक अपराध इकाई ने मामला दर्ज किया है. आरोपित दारोगा का सेवाकाल का इतिहास खंगाला जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच करेगी. शिवहर पुलिस जांच में सहयोग करेगी. एसपी ने कहा कि आरोपित से वेतन सहित विभिन्न मद में ली गई राशि की सरकार वसूली करेगी. इसके साथ ही उनके खिलाफ जालसाजी का भी मामला चलेगा. कैमूर जिले के चौडीहरा गांव निवासी विक्रमा सिंह शिवहर में दारोगा के पद पर तैनात थे और वर्ष 2023 में वह सेवानिवृत्त हो गए.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा
उन्होंने पेंशन के लिए शिवहर के कोषागार में दस्तावेज जमा किए. इसी बीच सामने आया कि विक्रमा सिंह नाम के ही एक अन्य दारोगा वर्ष 2023 में गया जिले से सेवानिवृत्त हुए और पेंशन भी उठा रहे हैं. एक ही नाम को लेकर शक होने पर मामले की जांच की गई. इसमें पाया गया कि एक ही नाम, पता, जन्मतिथि, पैन कार्ड और शारीरिक माप पर दोनों की बहाली हुई है. इसके बाद आर्थिक अपराध इकाई ने जांच बढ़ाई तो पाया गया कि दूसरा विक्रमा सिंह फर्जी आदमी है. उसने विक्रमा सिंह के नाम पर शिवहर से सेवानिवृत्ति ली है. वह कैमूर के ही आटडीह गांव निवासी राजेंद्र सिंह है और वह विक्रमा सिंह का ममेरा भाई है.

घरबिहार

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