नवादा में छठ महापर्व के लिए घाटों की सफाई का कार्य शुरू हो गया है। नगर परिषद के अधिकारियों ने प्रमुख घाटों का निरीक्षण किया और सफाई की व्यवस्था की। इस वर्ष अस्थाई शौचालय, डस्टबिन, और जल सुरक्षा के…
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा शहर के विभिन्न छठ घाटों की साफ-सफाई का कार्य शुरू हो गया है। नगर परिषद की मुख्य पार्षद समेत वार्ड पार्षदों और अधिकारियों ने विभिन्न छठ घाटों का जायजा लिया और छठ घाटों पर रहे गंदगी का आकलन कर साफ-सफाई के लिए सारी व्यवस्था कराई। शहर के सभी प्रमुख पांच तथा नगर परिषद क्षेत्र में शामिल अन्य सभी छठ घाटों पर सफाई का कार्य शुरू करा दिया गया है। इन छठ घाटों की सफाई के अलावा अस्थाई शौचालय, डस्टबिन समेत लाइटिंग, चेन्जिगरूम, वाच टावर आदि की भी व्यवस्था की जानी है। सभी छठ घाटों पर चूना व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव के साथ ही फॉगिंग भी करायी जाएगी। घाट पर पेयजल के लिए पानी का टैंकर उपलब्ध रहेगा। घाटों पर व्रतियों और उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर जलक्षेत्र पर बैरिकेडिंग कराई जाएगी। आपके अपने हिंदुस्तान अखबार में छठ घाट की सफाई पर खबरें प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद साफ-सफाई के लिए सक्रिय हुआ है। पहले दौर में शहर के मुख्य छठ घाट मिर्जापुर सूर्य नारायण मंदिर की साफ-सफाई शुरू करायी दी गई है। नगर पर्षद की मुख्य पार्षद पिंकी कुमारी ने स्वयं उपस्थित रह कर अपने निर्देशन कार्यारम्भ कराया। मौके पर पूर्व चेयरमैन संजय साव भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि शहर के मुख्य छठ घाट मिर्जापुर की सफाई शुरू करा दी गई है जबकि इसके अलावा शोभ मंदिर छठ घाट, मंगर बिगहा छठ घाट, मोतीबिगहा छठ घाट, खरीदी बिगहा, गढ़पर, बुधौल और आयोध्याधाम छठघाट तथा मस्तानगंज छठघाट का भी जायजा लिया गया ताकि ससमय यहां भी सफाई शुरू कराई जा सके। मिर्जापुर छठ घाट पर कार्यारम्भ के बाद फरहा, नन्दलाल बिगहा आदि छठघाट का भी निरिक्षण किया गया। मौके पर नप उपाध्यक्ष के प्रतिनिधि कैलाश विश्वकर्मा समेत नप के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ.अजीत शर्मा, जेई एनके सिन्हा, जेई राजेश रंजन सहित अनेक वार्ड पार्षद मौजूद रहे। पूर्व चेयरमैन संजय साव ने बताया कि इस वर्ष अर्घ्य प्रदान करने में व्रतियों को बहुत परेशानी नहीं होगी। इस वर्ष खुरी नदी में पानी रहने के कारण छठ व्रतियों के लिए अलग से चैनल बनाने और सकरी नदी से पानी लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पिछले वर्ष नदी में पानी नहीं रहने के कारण बोरिंग से चैनलों में पानी भरा गया था। आरंभिक दौर में छठ घाट की गंदगी हटाने के साथ ही घाट स्थल को चौड़ा किया गया। आसपास की झाड़ियों और बड़े-बड़े घास आदि को हटाया गया।