Gardening Tips: घर की बालकनी में ऐसे उगाएं गिलोय, एलोवेरा, तुलसी… बेहतर सेहत का है आसान प्राकृतिक उपाय

Spread the love share


आखरी अपडेट:

Gardening Tips: शहर में हरियाली और सेहत के लिए बालकनी में गिलोय, एलोवेरा और तुलसी जैसे औषधीय पौधे उगाए जा सकते हैं. डॉ. एसके सिंह के अनुसार इनके लिए उचित गमला (गिलोय: 12-15 इंच, एलोवेरा: चौड़ा, तुलसी: 8-10 इंच), 2:1:1 मिट्टी अनुपात, और 4-6 घंटे की धूप आवश्यक है. संतुलित सिंचाई और जैविक खाद से ये पौधे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हुए घर के वातावरण को शुद्ध करते हैं.

ख़बरें फटाफट

तुलसी एलोवेरा एवं गिलोय का पधा

समस्तीपुर: आज के भागदौड़ भरे शहरी जीवन में हरियाली का सपना अब केवल खेतों तक सीमित नहीं रहा. वैज्ञानिकों का कहना है कि शहर की सीमित जगह में भी आप अपने घर की बालकनी या छत को छोटा हर्ब गार्डन बना सकते हैं. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वैज्ञानिक प्रो. (डॉ.) एसके सिंह के अनुसार, गिलोय, एलोवेरा और तुलसी जैसे औषधीय पौधे न केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं. इन पौधों की मौजूदगी घर में सकारात्मक ऊर्जा, शुद्ध हवा और सुकूनभरा माहौल लाती है, यानी हरियाली और सेहत का अनोखा संगम है.

गमले, मिट्टी और धूप… सही शुरुआत से पौधों का बेहतर विकास

गिलोय, एलोवेरा और तुलसी के लिए सही गमले का चयन और मिट्टी की तैयारी सबसे महत्वपूर्ण है. गिलोय के लिए 12–15 इंच का गहरा गमला और बेल चढ़ाने के लिए बाँस या तार का सहारा दें. एलोवेरा के लिए चौड़ा लेकिन कम गहराई वाला गमला उपयुक्त है, जबकि तुलसी को 8–10 इंच का मिट्टी का गमला सबसे अच्छा लगता है. मिट्टी, गोबर की सड़ी खाद और बालू को 2:1:1 के अनुपात में मिलाएँ. मिट्टी को पहले धूप में सुखाकर कीटाणुरहित करें. इन पौधों को रोजाना कम से कम 4–6 घंटे की धूप मिलनी चाहिए. बरसात या सर्दी में गमलों को ऐसे स्थान पर रखें जहां नमी कम और प्रकाश पर्याप्त मिले. यही संतुलन पौधों को मजबूत और औषधीय गुणों से भरपूर बनाता है.

सिंचाई, खाद और रोग नियंत्रण… कम मेहनत में ज्यादा लाभ
पानी देना पौधों की सबसे नाजुक प्रक्रिया है. गिलोय को सप्ताह में दो–तीन बार हल्का पानी दें, एलोवेरा को गर्मी में सप्ताह में एक बार और सर्दी में 10–12 दिन में, जबकि तुलसी को रोजाना हल्का पानी चाहिए पर जल जमाव नहीं. दोपहर की धूप में कभी भी सिंचाई न करें. हर महीने एक बार जैविक खाद जैसे गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालना जरूरी है. इससे पौधे हरे-भरे रहते हैं और औषधीय प्रभाव बढ़ता है. यदि पत्तियों पर फफूंद या कीट दिखें तो नीम का अर्क या नीम तेल का हल्का स्प्रे करें. रासायनिक दवाओं और खादों से बचें क्योंकि ये घर के वातावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

सेहत, शुद्धता और सकारात्मकता का प्राकृतिक उपाय
इन तीन पौधों की देखभाल में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, पर लाभ अनगिनत हैं. गिलोय रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है, एलोवेरा त्वचा और पाचन के लिए वरदान है, तुलसी सर्दी-खांसी से रक्षा करती है और हवा को शुद्ध रखती है. बालकनी में ये तीन पौधे लगाने से घर न केवल सुंदर दिखता है बल्कि एक प्राकृतिक शुद्धिकरण केंद्र बन जाता है. गमलों की सफाई, सूखे पत्तों से कम्पोस्ट बनाना और स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है ताकि मच्छर या फफूंद न पनपें. संक्षेप में सावधानी से उगाएँ, स्वास्थ्य और हरियाली दोनों पाएँ. थोड़ा ध्यान और प्यार देकर आप अपनी बालकनी को ऐसी हरी प्रयोगशाला में बदल सकते हैं जो हर दिन सेहत, सुकून और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बने.

ऑथरीमजी

Prashun Singh

मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.

मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
घरजीवन शैली

बालकनी में ऐसे उगाएं गिलोय, एलोवेरा, तुलसी… बेहतर सेहत का है प्राकृतिक उपाय



Source link


Spread the love share

Leave a Reply