आज पितृ पक्ष त्रयोदशी श्राद्ध है। पितृ पक्ष के सभी दिन पितरों को समर्पित होते हैं। हर साल पितृ पक्ष के दिनों में श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार, इन दिनों अपने पूर्वजों का ध्यान कर तर्पण, श्राद्ध व दान-पुण्य करने से पितरों को शांति मिलती है। पितृ दोष दूर करने के लिए भी इस दिन महत्वपूर्ण माने गए हैं। श्राद्ध की सही तिथि और विधि का विधान बताया गया है। आज सोमवार को पितृ पक्ष का 13वां दिन रहेगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के 13वें दिन या त्रयोदशी तिथि पर श्राद्ध करने का समय-
पितृपक्ष का 13वां दिन आज: 30 सितंबर, पितृ पक्ष का 13वां दिन या त्रयोदशी तिथि श्राद्ध पर्व। आइए पंचांग के अनुसार जानें त्रयोदशी श्राद्ध करने का समय-
त्रयोदशी तिथि- सितम्बर 29, 2024 से 16:47 बजे तक
त्रयोदशी तिथि समाप्त – सितम्बर 30, 2024 को 19:06 बजे तक
पितृ पक्ष की त्रयोदशी पर कुतुप मुहूर्त में करें श्राद्ध
कुतुप मुहुर्त – 11:47 से 12:35 तक
- अवधि – 00 शुरुआती 48 मिनट
रौहिण मूहूर्त – 12:35 से 13:22 तक
- अवधि – 00 शुरुआती 48 मिनट
रात्रि काल – 13:22 से 15:45
- अवधि – 02 प्रथमदृष्ट्या 23 मिनट
त्रयोदशी श्राद्ध कैसे करें
- प्रातः ब्रह्म उत्सव में उठे।
- स्नानादि के बाद आरामदायक कपड़े धारण करें।
- पितृस्थान को गाय के गोबर से लीप कर और गंगाजल से पवित्र करें।
- महिलाएं स्नान करने के बाद पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
- श्राद्ध भोज के लिए ब्राह्मणों से पहले ही बनवा लें टिकट।
- ब्राह्मणों के आगमन के बाद उनके पितरों की पूजा और तर्पण श्रृंगार।
- पितरों का नाम लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें।
- जल में काला तिल संपूर्ण पितरों को तर्पण दें।
- पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, घी, खीर और दही बनाएं।
- चावल के पत्तों से बने पितरों को सुरक्षित करें।
- ब्राह्मण को पूर्ण सम्मान के साथ भोजन भोज।
- अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दे।
- इसके बाद उन्हें आशीर्वाद लेकर विदा करें।
- श्राद्ध में पितरों के अलावा कौआ, गाय, कुत्ते और चींटी को भोजन का विधान है।
डिस्कलेमर: इस आलेख में दिए गए विद्वानों पर हमने यह दावा नहीं किया है कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह के लिए विस्तृत और अधिक जानकारी अवश्य लें।