पितृ पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन किसका श्राद्ध करें?

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पितृ पक्ष 13वां दिन: आज, सोमवार के दिन पितृ पक्ष का 13वाँ दिन पड़ रहा है। 13वें दिन नवमी को श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। शुभ उत्सव में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करने की सही तिथि जरूरी मानी गई है। इसलिए आइए जानते हैं पितृ पक्ष के 13वें दिन या त्रयोदशी श्राद्ध को किसका श्राद्ध करना चाहिए, श्राद्ध की विधि व परिवार के लोगों द्वारा किया जा सकता है श्राद्ध-

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पितृ पक्ष त्रयोदशी तिथि के दिन किसका श्राद्ध करें?

30 सितंबर, सोमवार के दिन पूर्णिमा का श्राद्ध करें, स्वर्गवास किसी भी महीने की त्रयोदशी तिथि को हो। द्रोण पंचांग के अनुसार इस दिन शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है। त्रयोदशी श्राद्ध को तेरस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। त्रयोदशी श्राद्ध तिथि मृत बच्चों के श्राद्ध के लिए भी उपयुक्त है। इस श्राद्ध तिथि को गुजरात में काकबलि तेरस के नाम से भी जाना जाता है। नवमी श्राद्ध को संपन्न करने के लिए कुतुप, रौहिन, पितृ उत्सव आदि शुभ उत्सव माने गए हैं। तिथि ज्ञात न होने पर पितृ तर्पण के दिन श्राद्ध करना चाहिए।

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त्रयोदशी श्राद्ध कर्म कैसे करें: इस दिन घर के मुख्य द्वार पर फूल आदिम वास्तुशिल्पियों की पूजा करें। पहले यम का प्रतीक कौआ, कुत्ता और गाय का घास। पात्र में दूध, जल, तिल और पुष्प लें। कुश और काले तिल से तीन बार तर्पण करें। किसी ब्राह्मण को वस्त्र, फल, मिठाई आदि दान। जिसमें ब्राह्मण नहीं मिल सके, वे भोजन आदि मंदिर में बांट सकते हैं।

त्रयोदशी श्राद्ध कौन सा करें: ज्योतिर्विद पंडित सुरधर शर्मा ने बताया, श्राद्ध तीन पीढ़ी तक जा सकता है और करने का अधिकार पुत्र, पुत्र, देवता और भांजे को है।

डिस्क्लेमर: इस दस्तावेज़ में दी गई जानकारी स्टॉक्स पर आधारित हैं। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह के लिए विस्तृत और अधिक जानकारी अवश्य लें।



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