धार्मिक दृष्टि से मासिक शिवरात्रि का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत महीने में एक बार रखा जाता है, जिसे शिव जी को समर्पित किया जाता है। ईसाईयों के अनुसार, भगवान शिव की स्वीकृत पूजा-उपासना करने से जीवन के दुःख-तकलीफें कम हो सकते हैं। आइए जानते हैं पितृ पक्ष में मासिक शिवरात्रि किस दिन रहेगी, शुभ उत्सव और शिव पूजा की विधि-
मासिक शिवरात्रि की तिथि एवं उत्सव: द्रोण पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की कृष्ण चतुर्दशी तिथि 30 सितंबर को शाम 7 बजे 06 मिनट पर होगी, समाप्ति 01 अक्टूबर को पूर्वाह्न 09 पर 39 मिनट पर होगी। ऐसे में द्रोण पंचांग के अनुसार 30 सितंबर को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन अभिजीत गोस्वामी सुबह 11:47 से दोपहर 12:35 मिनट तक रहेंगे। गोधूलि महोत्सव शाम 06:08 बजे से शाम 06:32 मिनट तक रहेगा। ये दोनों ही महोत्सव पूजा-पाठ के लिए शुभ माने जाते हैं।
आश्विन, कृष्ण चतुर्दशीस्टार – 19:06, सितम्बर 30
आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी समाप्त – 21:39, अक्टूबर 01
मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि
सुबह जल्दी उठें। स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा करें। प्रभु का कच्चा दूध, दही, शहद, घी और खेती का काढ़ा सहित पांच निःस्वार्थ भाव से अभिषेक करें। फिर से शिवलिंग पर सफेद चंदन, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल, काला तिल, अक्षत और बेलपत्र निद्रा कर सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं भगवान शिव जी की आरती करें। प्रभु को भोग। अब शिव चालीसा का पाठ करें। इस पाठ से जीवन में मिल कर सभी दुःख-दर्द दूर किये जा सकते हैं। अंत में क्षमा प्रार्थना अवश्य करें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में विद्वानों द्वारा दी गई सामग्री पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह के लिए विस्तृत और अधिक जानकारी अवश्य लें।