प्रदोष व्रत सितम्बर 2024 : पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। जिसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। इस अवधि में प्रदोष व्रत भी रखा गया। हर माह त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना की जाती है। सिद्धांत है कि ऐसा करने से महादेव अपने भक्तों की सभी मुआवज़े पूरी करते हैं और धन, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में रवि प्रदोष व्रत का व्रत चल रहा है। आइए जानते हैं सितंबर माह के दूसरे प्रदोष व्रत की सही तारीख और शुभ उत्सव…
सितम्बर माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब है?
पंचांग के अनुसार, अश्विन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 29 सितंबर को शाम 04 बजे 47 मिनट पर होगा और अगले दिन 30 सितंबर को शाम 07 बजे 36 मिनट पर समाप्त होगा। इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत 29 सितंबर 2024 को लिया जाएगा और शिव पूजन के लिए शाम 06 उत्सव 09 मिनट से लेकर रात 08 उत्सव 34 मिनट तक प्रदोष काल उत्सव रहेगा।
प्रदोष व्रत की पूजाविधि :
प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नानघर के बाद आरामदायक कपड़े धारण करें। भगवान भोलेनाथ का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर को साफ करें और एक छोटे से कमरे पर लाल या पीले रंग का कपड़ाकर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें। अब शिवजी की अनुमोदित पूजा-प्रमाणित करें। इसके बाद अगर संभव हो तो सांयकाल की पूजा के लिए स्नान कराएं। शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, फल, फूल, धतूरा सहित सभी पूजाएँ शामिल हैं। पूजा के दौरान प्रदोष व्रत कथा विदेश या सुनाएं। शिवजी के बीज मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ का रुद्राक्ष की माला से जाप करें। अंत में शिव-गौरी के साथ सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें। हो सके तो शिव मंदिर और भोलेनाथ के दर्शन अवश्य करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। अंत में जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा मागी और घर में मौजूद सभी लोगों के बीच प्रसाद पूरिया करें।