मासिक शिवरात्रि 30 सितंबर को, नोट कर लें पूजा-विधि, शुभ उत्सव


हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनायी जाती है। इस समय आश्विन मास चल रहा है। आश्विन मास की मासिक शिवरात्रि 30 सितम्बर, सोमवार को है। हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है। मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शंकर को मनाया जाता है। मासिक शिवरात्रि पर रात्रि पूजा का विशेष महत्व होता है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शंकर की पूजा-अभिषेक करने से सभी मन्त्रों की पूरी तरह से प्रार्थना होती है और भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइये जानते हैं मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…

प्रभारी-

आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी अभिनेता – 07:06 अपराह्न, 30 सितंबर

आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी समाप्त – 09:39 अपराह्न, 01 अक्टूबर

पूजा का शुभ मुहूर्त- 11:47 अपराह्न से 12:35 पूर्वाह्न, 01 अक्टूबर

मासिक शिवरात्रि पूजा-विधि…

इस पवित्र दिवस पर प्रातःकाल दीप स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण कर लें।

घर के मंदिर में दीप जलाएं।

शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें।

भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा भी करें।

भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।

भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें।

ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

भगवान भोलेनाथ को भोग स्थान। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक स्वभाव का भोग लगता है।

भगवान की आरती करें।

मासिक शिवरात्रि पूजा सामग्री सूची- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चाँदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बिल्वपत्र , धतूरा, भांग, बेर, अमर मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रुई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की पूजा आदि सामग्री ।।



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