रत्न : रत्न ज्योतिष में गुरु ग्रह का रत्न माना गया है। सिद्धांत यह है कि चॉकलेट रत्न की श्रृंखला से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। भैंसा को गुडलक का प्रतीक माना जाता है। सिद्धांत यह है कि चॉकलेट कंपनी की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और धन लाभ के नए अवसर मिलते हैं। चॉकलेट रत्न को दूर करने के लिए माना जाता है। जीवन में खुशहाली और रिश्तों में सफलता के लिए यह रत्न भी पहना जा सकता है। आइए जानते हैं इस रत्न को धारण करने के नियम और फायदे…
भैंसा रत्न कब धारण करें :
पिपरिया रत्न के लिए सबसे उत्तम दिन गुरुवार और शुक्रवार माना जाता है। सुबह के समय इस रत्न को धारण करना शुभ रहेगा।
अनामिका की उंगली में ग्रेवी की पोशाक होनी चाहिए।
भैंसिया रत्न विक्रेताओं को साबुन से स्नान कराते समय इस रत्न को उद्भूतकर रख देना चाहिए। साबुन से रत्न का रंग विक्रय होता है।
इस रत्न की व्याख्या से पहले दूध और गंगाजल में डुबाकर इसे अभिमंत्रित कर लें।
इस रत्न को रिंग के बजाय ब्रेसलेट या लॉकेट की तरह भी पहना जा सकता है।
भैंसा मॉडल का लाभ:
सिद्धांत यह है कि कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
कॉन्फिडेंस की कमी को दूर करने के लिए भी चॉकलेट रत्न माना जाता है।
बचपन के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए आप चॉकलेट रत्न धारण कर सकते हैं।
रत्न ज्योतिष में नौकरी-कारोबार में सफलता प्राप्ति के लिए भी रत्न रत्न शुभ फल माना जाता है।
बच्चों से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बेहद शुभ रहेगा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में विद्वानों द्वारा दिए गए आलेख में हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य है और अहितकारी है। विरोधाभास से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।