शुक्र गोचर 18 सितंबर 2024 प्रभाव: 18 सितंबर 2024, रविवार का दिन धार्मिक दृष्टि से खास है। इस दिन कई धार्मिक घटनाएं घटेंगी। 18 सितंबर को वर्ष का दूसरा व अंतिम चंद्र ग्रहण, इस दिन पितृ पक्ष का पहला दिन भी है और साथ ही धन-संपदा, ऐश्वर्य व वैभव के कारक शुक्र करीब एक वर्ष बाद अपनी स्वराशि तुला में प्रवेश करेंगे। शुक्र का तुला गोचर देश-दुनिया के साथ मानव जीवन पर प्रभाव डालेगा। ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, शुक्र का तुला राशि में जन्मना में रहना अच्छा रहता है।
जानिए शुक्र ग्रह का मानव जीवन पर क्या प्रभाव-
पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, शुक्र का अपनी राशि में होना शुभ या सुखद संकेत है। यह मानव जीवन के लिए रहने योग्य है। शुक्र ग्रह गोचर जीवन या पितृ पक्ष में शुभ फल प्रदान करता है। जो लोग पुरातत्वविद् से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर रहे हैं वे अपने निवास के लिए अच्छा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। गोचर काल में मानसिक स्थिति को लाभ होगा। व्यक्तिगत रिश्ते के लिए यह समय अच्छा रहने वाला है। प्रेमी-प्रेमिका के लिए अच्छा समय और पति-पत्नी के फेरों में शुक्र गोचर से सुधार होगा।
शुक्र गोचर का समय- शुक्र 18 सितम्बर 2024, रविवार को दोपहर 02 बजे 04 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करेंगे। फिर 13 अक्टूबर 2024, रविवार को शुक्र प्रातः 06 बजे 08 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
शुक्र गोचर से पहले स्थान पर चंद्र ग्रहण- 18 सितंबर को पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहे हैं जो 2 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दिन भारतीय समय रिज़ॉर्ट सुबह 06 बजे 11 मिनट पर वर्ष का अंतिम व दूसरा चंद्र ग्रहण प्रारंभ होगा, जो कि सुबह 10 बजे 17 मिनट पर समाप्त होगा। यह चन्द्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आता, इस कारण देश में सूतक काल के नियम मान्य नहीं होंगे।