गणेश विसर्जन 2024 समय : पूरा देश आज गजानन की भक्ति में लीन है। हर साल अनंत चतुर्दशी की पूर्णिमा तिथि पर गणपति जी को विदा किया जाता है। आज मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर विष्णु जी की पूजा के साथ गणपति का विसर्जन किया जाएगा। जो सिद्धांत है कि जिस धूम-धाम और उत्साह के साथ गणेश जी को घर लाया जाता है, वही उल्लास के साथ उन्हें विदा कर अगले साल आने की प्रार्थना भी करता है। कई लोग नदियों में तो कई लोग घर पर भी गणपति विसर्जन करते हैं। आइए जानते हैं आज सुबह से लेकर शाम तक गणेश विसर्जन के शुभ विसर्जन, मंत्र, अनंत चतुर्दशी विष्णु पूजन और मूर्ति विसर्जन की सबसे आसान विधि-
सुबह से लेकर शाम तक इन महोत्सव में गणेश विसर्जन करें
धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार, गणपति का आगमन व विदद दोनों का शुभ उत्सव मनाया जाना चाहिए। इसलिए द्रोण पंचांग के अनुसार आज सुबह से लेकर शाम तक विसर्जन के लिए 4 शुभ मुहूर्त बताए गए हैं-
प्रातःकालीन उत्सव (चर, लाभ, अमृत) – प्रातः 09:11 से दोपहर 1:47 बजे तक
अंतिम संस्कार (शुभ) – दोपहर 3:19 से शाम 4:51 बजे तक
सायह्न उत्सव (लाभ) – शाम 7:51 से रात 9:19 बजे तक
रात्रि उत्सव (शुभ, अमृत, चर) – शाम 10:47 से 03:12, सितंबर 18 तक
गणेश विसर्जन से पहले करें पूजा
विसर्जन से पहले गणेश भगवान की पूजा और आरती करने का विधान है। इसलिए प्रभु का जलाभिषेक करें। पंचामृत से करें अभिषेक। इसके बाद भगवान को वस्त्र और गहनों से सजाया गया। गणपति बप्पा को पीला या लाल रंग के चंदन का तिलक। प्रभु पर पीले रंग के फूल, अक्षत कलावा और दूर्वा घास चढ़ाएं। प्रभु को पांच फल, मोदक और लड्डुओं का भोग स्थान। गणेश चालीसा का पाठ शुभ रहो। अब धूप और घी के दीपक से भगवान गणेश जी की आरती करें। इसके बाद क्षमा प्रार्थना करना ना भूलें।
गणेश विसर्जन की सही व आसान विधि
विराजित गणेश जी की मूर्ति के आकार के अनुसार, कोई साफा बड़ा पोश्चर, गमला या टैब लें। साफ कर गंगाजल से शुद्ध कर लें। अब इसमें पवित्र जल भराव और गंगाजल की कुछ बूंदें मिला लें। अब पानी को नमस्कार कर गंगा मैया का ध्यान करें। गणपति जी को गाजे-बाजे के साथ पसंद करें। अब पानी में धीरे-धीरे गणेश जी की मूर्ति का दर्शन करें। विसर्जन के समय गणेश जी के मंत्र का जाप कर सकते हैं। जब मूर्तिपूजक तरह-तरह के पानी में समाविष्ट हो जाए तो इस पानी को किसी गमले या औषधि में डाला जा सकता है। मूर्ति की मिट्टी को फाके नहीं। इस मिट्टी का उपयोग औषधियों में किया जा सकता है।
मंत्र- ॐ गणेशाय नमः
महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
ॐ यान्तु देवगण: सर्वे पूजामादाय मामकिम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने भगवान। मम पूजा गृहीतमेवं पुनरागमनाय च॥
अनंत चतुर्दशी विष्णु पूजन पुजारी
पंचांग के अनुसार, आज अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा के लिए सुबह 06:07 बजे से दोपहर 11:44 बजे तक, शुभ कृष्ण भगवान रहेंगे, शेष अवधि – 05 जन्म 37 मिनट है।
डिस्क्लेमर: इस दस्तावेज़ में दी गई जानकारी स्टॉक्स पर आधारित हैं। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह के लिए विस्तृत और अधिक जानकारी अवश्य लें।