सूर्य का कन्या राशि में गोचर, राहु की भी दृष्टि, इन 6 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है


आत्मा के कारक ग्रह सूर्य का गोचरीय दृष्टि से परिवर्तन भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को रात्रि 11:17 बजे आपकी राशि सिंह से बुध की राशि कन्या में हो रही है। कन्या राशि का स्वामी ग्रह होता है। बुध, जो सूर्य का मित्र ग्रह होता है। इस प्रकार कन्या राशि में भी सूर्य का पूर्ण प्रभाव मिलता है। हालाँकि कन्या राशि के अंतिम अंशों में सूर्य की नीचाभिलाषी स्थिति प्राप्त होने की संभावना है, फिर भी यहाँ सूर्य के सर्वोत्तम परिणाम देखने को मिलेंगे। आम जनमानस में सुखों की कमी देखने को मिलेगी, क्योंकि राहु की दृष्टि भी सूर्य पर होगी। ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिया से जानें सूर्य गोचर का इन 6 ग्रह पर प्रभाव-

तु : एकादश भाव का कारक ग्रह द्वादश भाव में गोचर करेगा। इससे व्यावसायिक विस्तार में व्यय की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस अवधि में आय से अधिक व्यय की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। छोटी यात्रा का खर्च बढ़ सकता है। प्रतियोगिता में एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है। आंखों की समस्या के कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है। सरकारी तंत्र से अवरोध उत्पन्न हो सकता है। वैकल्पिक संपत्ति का विवाद हो सकता है।

वृश्चिक :दशम भाव के कारक के लाभ भाव में गोचर होगा। इससे आर्थिक वर्गीकरण में सुधार होगा। व्यावसायिक विस्तार एवं अचानक धन लाभ की स्थिति बन सकती है। संत पक्ष एवं अध्ययन अध्याय को लेकर सामान्य तनाव संभव है। श्रम एवं प्रशिक्षण में सामान्य रुकावट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव हो सकता है। शेयर बाज़ार से लाभ हो सकता है।

धौनी : भाग्य का कारक ग्रह दशम भाव में गोचर करेगा। इससे परिश्रम में वृद्धि तथा सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति बन सकती है। सिरदर्द या हृदय रोग से संबंधित समस्या से पीड़ित लोगों का सामना करना पड़ सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है। गृह एवं वाहन सुख पर खर्च बढ़ सकता है या गृह वाहन एवं वाहन क्षतिग्रस्त हो सकता है। अचल संपत्ति से जुड़े विवाद के कारण तनाव हो सकता है।

मकर : अष्टम भाव का कारक ग्रह नवम भाव में गोचर करेगा। इसका आशय एवं पुरुषार्थ में रीन स्टैट्स। व्यवसाय या खेल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए उपलब्धि कारक समय जीवित रहें। धार्मिकता में कमी आ सकती है। अधिक परिश्रम के बाद भी परिणाम कम प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य के कारण भी काम में रुकावट हो सकती है। भाई बहनों और दोस्तों को समय या धन खर्च करना पड़ सकता है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर इस अवधि में विशेष रूप से हिरासत में रहना।

कुंभ : सप्तम भाव का कारक ग्रह अष्टम भाव में गोचर करेगा। इससे मुद्रा की आय में वृद्धि हो सकती है। परिवार को लेकर तनाव की स्थिति बन सकती है। अचानक धन व्यय बढ़ सकता है। पेट एवं पैर की समस्या का कारण तनाव हो सकता है। उत्पाद के स्वास्थ्य को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्यार में मराठनी की स्थिति बन सकती है। दैनिक आय में रुकावट या तनाव की संभावना रहेगी। आंखों की समस्या इस अवधि में बढ़ सकती है।

मीन : छठे भाव का कारक ग्रह सप्तम भाव में गोचर करेगा। इससे अति धनिष्ठा लोगों के स्वास्थ्य के कारण आर्थिक पहलू प्रभावित होंगे। नशे के स्वास्थ्य को लेकर तनाव हो सकता है। प्रेम संबंध में रुकावट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दैनिक रोजगार या लाभ में कमी हो सकती है। किशोरावस्था में वृद्धि का कारण मानसिक वृद्धि हो सकती है। सरकारी तंत्र से रोका जा सकता है। इस अवधि में भी जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है।

इस आलेख में दिए गए विशेषज्ञों पर हमने यह दावा नहीं किया है कि ये पूर्णतया सत्य एवं व्यावसायिक हैं। विरोधाभास से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।



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