हथेली पर स्वस्तिक का अर्थ: सामुद्रिक शास्त्र में हथेली पर बनने वाले निशानों या चिन्हों के बारे में वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि हथेली की रेखाएं व्यक्ति के भूत, भविष्य व वर्तमान की जानकारी देती हैं। इन रेखाओं पर बनने वाले निशानों में से एक स्वस्तिक का निशान है। हथेली पर बनने वाले स्वस्तिक चिन्ह बहुत शुभ माना गया है। जानें हथेली पर बनने वाले स्वस्तिक चिन्ह का महत्व-
स्वस्तिक चिन्ह का महत्व- स्वस्तिक चिन्ह किसी भी स्थान और किसी भी कोण पर देखा जा सकता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक चिन्ह वाला व्यक्ति राजयोग का सुख प्राप्त करता है। ये व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में बहुत जल्दी और कम से कम संघर्ष में सफलता प्राप्त कर लेते हैं। वे न केवल अपने लिए भाग्यशाली होते हैं बल्कि दूसरों और पूरे समाज के लिए भी सौभाग्य लाते हैं। ये दान-पुण्य करने वाले माने जाते हैं और समाज की मदद और सेवा करते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, भाग्य रेखा पर स्वस्तिक का चिन्ह होने वाले व्यक्ति प्रतिभाशाली माने जाते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में कई अच्छे अवसरों की प्राप्ति होती है। ये आर्थिक रूप से उन्नत माने जाते हैं।
अगर स्वास्तिक निशान के साथ गुरु पर्वत उभरा हुआ हो तो ऐसे लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं।
अगर गुरु पर्वत हथेली की सबसे पहली तर्जनी अंगुली के ठीक नीचे स्वस्तिक का निशान होता है तो ऐसे लोगों की संगति अच्छी होती है। ये सही रास्ते पर चलने वाले माने जाते हैं।