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Women and Dessert Cravings: अक्सर आपने देखा होगा कि महिलाओं को मिठाइयां ज्यादा पसंद होती हैं, जबकि पुरुषों को डेजर्ट की क्रेविंग कम ही होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पीछे भी वैज्ञानिक वजह है. हार्मोनल बदलाव, तनाव और पेट के बैक्टीरिया में बदलाव शुगर क्रेविंग को बदल सकते हैं. महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोनल चेंजेस होते हैं, जिससे ज्यादा मीठा खाने की इच्छा होती है. महिलाओं के लिए अपनी क्रेविंग्स को कंट्रोल करना भी मुश्किल होता है.
मिठाइयां खाना तो सभी को पसंद होता है. महिलाएं हों या पुरुष, मिठाई देखकर मुंह में पानी आना स्वाभाविक है. कई रिसर्च में पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को मीठा खाने की क्रेविंग ज्यादा होती है. यह सिर्फ स्वाद की बात नहीं है, बल्कि इसके पीछे शरीर के हार्मोन, ब्रेन की केमिकल प्रोसेस और इमोशनल फैक्टर्स भी होते हैं.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के शरीर में मेंस्ट्रुअल साइकल, गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन लेवल बदलते रहते हैं. ये हार्मोन मूड और भूख को प्रभावित करते हैं. जब शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन कम हो जाता है, तो मीठे की क्रेविंग होती हैं. मीठा खाने से यह हार्मोन ठीक हो सकता है. इसलिए जब मूड खराब होता है, तब महिलाएं मीठा खाना पसंद करती हैं. मिठाई खाने के बाद उनका मूड बेहतर हो जाता है.

तनाव भी महिलाओं की शुगर क्रेविंग्स को बढ़ाता है. तनाव के समय शरीर में घ्रेलिन हार्मोन बढ़ता है जो भूख बढ़ाता है. इस दौरान लेप्टिन हार्मोन कम होता है, जो भूख को रोकता है. ये बदलाव महिलाओं में ज्यादा होते हैं, इसलिए वे तनाव में ज्यादा मिठाई खाने लगती हैं. भावनात्मक स्थिति और सामाजिक दबाव भी महिलाओं की इस इच्छा को बढ़ावा देते हैं.

हमारे पेट में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें गट माइक्रोबायोम कहा जाता है. ये बैक्टीरिया भी खाने की इच्छा को प्रभावित करते हैं. खासकर एस्ट्रोबायोम नामक बैक्टीरिया हार्मोन एस्ट्रोजन को प्रभावित करता है. पीरियड्स के दौरान ये बैक्टीरिया बढ़-घट सकते हैं, जिससे महिलाओं को मिठाई की क्रेविंग होती है. ज्यादा मीठा खाने से ये बैक्टीरिया और बढ़ते हैं, जिससे क्रेविंग्स लगातार होती रहती है.

पीरियड्स से पहले महिलाओं के शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि इस दौरान शरीर प्रेग्नेंसी की तैयारी करता है. इस दौरान महिलाएं ज्यादा कैलोरी और मीठा खाना पसंद करती हैं, क्योंकि यह तुरंत ऊर्जा देता है. यही कारण है कि इस समय महिलाओं को मिठाई खाने की ज्यादा इच्छा होती है.

पुरुषों की क्रेविंग्स महिलाओं से अलग होती हैं. पुरुषों के हार्मोन ज्यादा स्थिर रहते हैं. खासकर टेस्टोस्टेरोन के कारण पुरुषों के ज्यादातर हार्मोन स्टेबल रहते हैं. इस वजह से पुरुषों को कम क्रेविंग्स होती हैं. पुरुष ज्यादा नमकीन या प्रोटीन युक्त भोजन पसंद करते हैं, जबकि महिलाएं ज्यादा मीठा खाना चाहती हैं.

सामाजिक और मानसिक कारण भी खाने की इच्छाओं को प्रभावित करते हैं. महिलाएं सुंदरता, डाइटिंग और भावनात्मक आराम के लिए ज्यादा मिठाई खाती हैं. पुरुषों में ऐसा दबाव कम होता है, इसलिए उनकी क्रेविंग्स भावनात्मक रूप से इतनी जटिल नहीं होती हैं. इसलिए क्रेविंग्स में भी अंतर हो जाता है.

रिसर्च बताती हैं कि पुरुष क्रेविंग्स को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर पाते हैं. हार्मोन की स्थिरता और दिमाग की प्रतिक्रिया में अंतर के कारण पुरुष अपनी भूख पर ज्यादा नियंत्रण रखते हैं, जबकि महिलाओं के लिए यह थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में महिलाओं को अपनी क्रेविंग्स को समझकर सही तरीके से कंट्रोल करना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य बेहतर बना रहे.