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World Cancer Day 2025: आज ‘विश्व कैंसर दिवस 2025’ है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य कैंसर के लक्षण, इलाज और रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना. कई बार जो मरीज कैंसर को मात देकर पूरी तरह से हेल्दी हो …और पढ़ें
वर्ल्ड कैंसर डे 2025.
हाइलाइट्स
- कैंसर के इलाज के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी.
- नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली से कैंसर को दोबारा वापस होने से रोक सकते हैं.
- तनाव कम करें, पर्याप्त नींद लें और स्वस्थ खानपान अपनाएं.
विश्व कैंसर दिवस 2025: आज ‘विश्व कैंसर दिवस’ यानी ‘वर्ल्ड कैंसर डे’ है. कैंसर एक बेहद ही घातक बीमारी है, जिसका नाम सुनकर ही लोगों के अंदर डर बैठ जाता है. सोचिए, जिन्हें ये बीमारी हो जाती है, उनका एक-एक पल कैसे बीतता होगा. कई बार आपको कौन सा कैंसर अंदर ही अंदर खा रहा है, इसका जल्दी पता ही नहीं चल ता है. कैंसर के लक्षणों को जल्दी नहीं पहचाना जाए तो इसका इलाज थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए और लोगों को कैंसर के खतरे, इलाज, रोकथाम और लक्षणों को पहचान कर जल्द जांच कराने के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है और इसके प्रति सचेत रहने के लिए विश्व कैंसर दिवस आज 4 फरवरी को मनाया जाता है. हालांकि, कई बार कुछ कैंसर के मरीज पूरी तरह से कैंसर को मात तो दे देते हैं, इलाज भी सफल होता है, लेकिन वह दोबारा से ट्रिगर कर जाता है. आखिर ऐसा क्यों होता है, चलिए जानते हैं.
कैंसर ठीक होने के बाद भी क्यों लौट आता है?
कई मरीज कैंसर को मात देने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन आपने देखा-सुना होगा कि इलाज खत्म हो जाने के वह कई साल बाद दोबारा से वापस लौट आता है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि कैंसर का सफल इलाज होने के बावजूद भी ये वापस क्यों लौट आता है? क्या इलाज कराने के बाद भी आप इस घातक बीमारी से पूरी तरह से बाहर निकल पाएंगे.आखिर ऐसी क्या वजह है, जिसके कारण कैंसर होने का दोबारा खतरा रहता है?
– डॉ. सीके बिड़ला हॉस्पिटल की मेडिकल ऑन्कोलॉजी की सलाहकार डॉ. पूजा बब्बर कहती हैं कि कई बार कैंसर ठीक होने के बाद भी यह दोबारा ट्रिगर कर जाता है, इसके पीछे कई कारण होते हैं. ऐसी स्थिति में सबसे पहले हम ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि पूर्व में मरीज को किस प्रकार का कैंसर हुआ था?
– मरीज का कैंसर किस स्टेज में था, जिसका इलाज हुआ था और वह ठीक भी हो गया था. ये सब हम पहले जानते हैं. आमतौर पर यह देखने को मिला है कि स्टेज 3 और 4 में जो मरीज कैंसर से स्वस्थ होते हैं, उन्हें दोबारा कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है.
–डॉ. पूजा कहती हैं कि हम ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मरीज को पूर्व में किस प्रकार का कैंसर हुआ था और किस जगह पर हुआ था. इन सभी सवालों का जवाब पता लगाने के बाद ही हम किसी नतीजे पर पहुंच पाते हैं. आमतौर पर लिवर, पेट जैसे कैंसर दोबारा होने की संभावना ज्यादा रहती है. ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा होने की संभावना सबसे कम होती है.
-किस पेशेंट को फिर से कैंसर कब हो जाए यह मुख्यत: इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज को पहले जो कैंसर हुआ था, वह किस प्रकार का, किस स्टेज में और शरीर के किस अंग, जगह पर था. आमतौर पर जब किसी मरीज का कैंसर का उपचार चल रहा होता है, तो उस स्थिति में कुछ कोशिका ऐसी होती हैं, जो उपचार के दौरान बेअसर हो जाती हैं. कुछ कोशिका मरती नहीं हैं. इस तरह से यह मृत कोशिका शरीर में लंबे समय तक बनी रहती है. इसके बाद यही आगे चलकर दोबारा से कैंसर को जन्म देती है.
कैंसर के इलाज के बाद लाइफस्टाइल पर ध्यान देना जरूरी
-यदि आप चाहते हैं कि कैंसर दोबारा ना आए तो सबसे जरूरी है अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना. इससे काफी हद तक कैंसर दोबारा आने का खतरा नहीं रहता.
-मेडिकल स्टडी में यह बात समाने आई है कि जो महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर को मात दे चुकी हैं, वे रेगुलर योग करें. कैंसर ठीक होने के बाद रेगुलर एक्सरसाइज करने से ये काफी हद तक दोबारा नहीं लौटता.
-खानपान पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है. हरी सब्जियां,फल, अनाज आदि का सेवन करना चाहिए. इससे उस व्यक्ति का डीएनए मजबूत होगा. दोबारा कैंसर होने का खतरा भी न के बराबर रहेगा. शराब, सिगरेट के सेवन से बचें. इस तरह की बुरी आदतों को अपनाएंगे, तो कैंसर दोबारा अटैक कर सकता है.
-अधिक तनाव लेने से बचना चाहिए. पर्याप्त नींद लें, क्योंकि मेडिकल स्टडी में यह पाया गया है कि स्ट्रेस और भरपूर नींद न लेने से कैंसर के दोबारा होने का जोखिम बना रहता है.
– एक बात हमेशा याद रखना चाहिए कि यदि किसी ठीक हो चुके कैंसर मरीज को दोबारा ये होता है तो उसका उपचार करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि दोबारा अटैक करने पर कैंसर पहले की तुलना में ज्यादा आक्रमक होता है.
-उपचार के दौरान ये जानने की कोशिश की जाती है कि कितने सालों के बाद कैंसर ने दोबारा अटैक किया है. मरीज के ठीक होने के बाद कई वर्षों के बाद कैंसर ने अटैक किया है, तो उसे आसानी से ठीक किया जा सकता है. वहीं, कैंसर से ठीक होने के 6 महीने बाद ही दोबारा कैंसर वापस लौट आता है तो इसका उपचार जटिल हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि पेशेंट को लगातार मेडिकल जांच कराते रहना जरूरी है. अपने डॉक्टर से संपर्क में बने रहना जरूरी है. खून की जांच कराना बहुत जरूरी है. कोई भी लक्षण अलग सा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
इनपुट-आईएएनएस
04 फरवरी, 2025, 09:19 IST