ऑपरेशन सिंदूर: अगर भारत ने कुछ दिनों पहले अमेरिका से एक छोटा सा झगड़ा नहीं किया होता तो शायद नतीजे कुछ और होते. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस वक्त अपने मित्र डोनाल्ड ट्रंप की बात सुनी होती तो शायद उसके नतीजे भयंकर होते.
अगर भारत ने उस वक्त अमेरिका को दरकिनार करके रूस का साथ नहीं लिया होता और 35 हजार करोड़ की वो डील नहीं की होती तो शायद पाकिस्तान को थोड़ी खुशी मनाने का भी मौका मिल गया होता. लेकिन वक्त रहते भारत ने उस दिन ऐसा फैसला किया कि पाकिस्तान के सारे मंसूबे धरे के धरे रह गए और भारत ने अपनी ताक़त का लोहा पूरी दुनिया को मानने पर मजबूर कर दिया. आख़िर क्या है उस दोस्ती और दुश्मनी की कहानी, जिसमें 35 हज़ार करोड़ खर्च करके भारत ने इतिहास रच दिया.
अमेरिका की धमकी के आगे भी नहीं झुका भारत
ये कहानी है उस डील की, जिसे दुनिया सुदर्शन चक्र के नाम से जानती है. ये कहानी है उस एयर डिफेंस सिस्टम S 400 की, जिसने पाकिस्तान की ओर से आ रही सारी मिसाइलें, सारे ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था. क्योंकि सबसे बड़ी मुश्किल अमेरिका था. साल 2018 में जब भारत ने तय किया कि वो रूस में बने S 400 को अपने एयर डिफेंस सिस्टम में शामिल करेगा तो अमेरिका ने इसका विरोध किया. तब अमेरिका के राष्ट्रपति यही डॉनल्ड ट्रंप हुआ करते थे, जो तब भी ख़ुद को भारत का दोस्त बताते थे. लेकिन जब भारत ने तय किया कि एयर डिफेंस रूस से खरीदा जाएगा तो वॉशिंगटन ने न सिर्फ इसका विरोध किया, बल्कि गंभीर नतीजे भुगतने की भी धमकी दी.
भारत ने नहीं मानी अमेरिका की बात
उस वक्त अमेरिका ने कहा था कि भारत को अमेरिका के बनाए पैट्रियट या फिर थाड यानी कि टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस खरीदना चाहिए, जिसका इस्तेमाल अमेरिका भी करता है. अमेरिका ने कहा था कि रूस का बनाया S 400 दूसरे देश से आने वाली मिसाइल या ड्रोन्स को रोकने में सक्षम नहीं है. लेकिन तब भारत ने अमेरिका की बात नहीं मानी और रूस के साथ डील पर आगे बढ़ गया.
तब अमेरिका ने कहा कि अगर भारत रूस से ये डिफेंस डील करता है तो भारत पर अमेरिका के नए क़ानून काउंटरिंग अमेरिकाज़ एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. अमेरिका का ये वो क़ानून था, जिसके ज़रिए उसने ईरान, नॉर्थ कोरिया और रूस पर प्रतिबंध लगा रखे थे. भारत ने तब अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि किसी दूसरे देश का क़ानून उसपर लागू नहीं होता है और वो रूस के साथ हर हाल में अपनी डील करेगा. डील हुई. भारत ने क़रीब 35 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए. और साल 2021 से भारत ने इस S 400 को अपने एयर डिफेंस सिस्टम में लगा दिया.
भारत ने एस 400 को नाम दिया सुरदर्शन
भारत ने बस इस S 400 का नाम बदला और उसे अपना नाम दिया सुदर्शन चक्र. जब पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला किया तो सुदर्शन चक्र एक्टिव था और उसने पाकिस्तान से चली हर एक मिसाइल को, हर एक ड्रोन को हवा में ही मार गिराया.
अमेरिका ने जो धमकी दी थी, वो भी काम नहीं आई क्योंकि अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप नहीं बाइडेन थे. और बाइडेन के अपने लोगों ने ही उनसे कहा कि भारत पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते. इस तरह से दोस्ती भी क़ायम रही और भारत ने रूस के हथियार से पाकिस्तान को उसकी औक़ात भी याद दिला दी.
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