Khichdi Scam Case: खिचड़ी घोटाले में गिरफ्तार आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी सूरज चव्हाण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चव्हाण को कोविड काल में खाद्य पैकेट वितरण में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट के फैसले के बाद वह एक साल और 18 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में शामिल विक्रेता (Vendor) के खिलाफ आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई आधिकारिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. कोर्ट के अनुसार, प्रॉसिक्यूशन का दावा है कि फोर्स वन मल्टी सर्विस ने अंडर-वेट फूड पैकेट सप्लाई किए, लेकिन इसे प्रमाणित करने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की तरफ से कोई मटेरियल रिकॉर्ड पर नहीं था.
क्या है खिचड़ी घोटाला?
कोविड-19 महामारी के दौरान, BMC ने प्रवासी मजदूरों को खिचड़ी बांटने का फैसला किया. 9 अप्रैल 2020 को BMC के बायकुला ऑफिस में बैठक हुई, जिसमें 5,000 से अधिक फूड पैकेट बनाने वाले को कांट्रैक्ट देने का निर्णय हुआ. यह कॉन्ट्रैक्ट चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन, एनजीओ और कम्युनिटी किचन को दिया जाना था. शर्त थी कि जिसे ठेका मिलेगा, उसके पास किचन और स्वास्थ्य विभाग का प्रमाणपत्र होना चाहिए. एफआईआर में आरोप है कि BMC ने इन नियमों की अनदेखी की और गलत तरीके से कॉन्ट्रैक्ट दिए.
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि अगर आवेदनकर्ता को लंबे समय तक बंद रखा जाता है तो यह संविधान में अनुच्छेद 21 के तहत मिले मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा,जो जल्द सुनवाई और निजी आजादी की गारंटी देता है.बता दें कि ईडी ने आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी सूरज चव्हाण को जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया था. अब बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद सूरज चव्हाण जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस फैसले के खिलाफ अगली कानूनी कार्रवाई पर विचार कर सकता है.