13 से 18 साल की उम्र में एक बच्चे के बीच में कई बदलाव होते हैं। जिन बच्चों को कल तक लड़का-लकड़ी के समान दिखाया गया था आज एक दूसरे को देखकर ना जाने क्यों अजीब सा एहसास होने लगा है। किसी और को देखकर मन में अर्चन का भाव आना, उसके साथ रहना अच्छा लगना ये सब इसी तरह बाली उम्र में पहली बार बच्चों के साथ घटता रहता है। इने तो फोन और सोशल मीडिया ने इन नी को इतना नाम दिया है कि बच्चे को कम उम्र में ही मतलब जैसे भारी-भरकम शब्द संकेत लगे हैं। एक दूसरे के प्यार में पढ़कर जीना-मरने की कसम खाना भी कोई नई बात नहीं। अगर आपका बच्चा भी इसी तरह से गुजर रहा है तो आपको एक जिम्मेदार माता-पिता होने के नाते इस शिक्षा को समझदारी से संभालने की जरूरत है।
धन्यवादे के प्यारे बच्चों की फ़िलिंग्स
जाहिर तौर पर कम उम्र में ही बच्चे के प्यार की शिकायत हर पैरेंट्स को चिंता में डाल सकती है। हालाँकि ये उम्र ही ऐसी होती है जहाँ बच्चे के हार्मोन उसकी सोच पर हावी हो जाते हैं। ऐसे में आपकी शादी-फटकार से बात बनने के लिए और भी बड़ी रकम हो सकती है। हो सकता है बच्चा आपको ही एक विलन की तरह देखने लगे। ऐसे में शांति से रहें इस बारे में बात। उसकी बातें वीडियो और उसके इशारे की कोशिश करें। इससे बच्चा आपकी बात भी सुनेगा और समझकर गौर करेगा।
बच्चे को समझाएं सही ग़लत का फ़र्क
टीनेज के दौर में ही ऐसा होता है जब बच्चा सही गलत से परे अपनी भावनाओं को सबसे ज्यादा महत्व देता है। वो जो कुछ फिल्में देखता और महसूस करता है, वो सब करना चाहता है। ऐसे में आपकी ज़िम्मेदारी सामान्य है कि बच्चे को सही ग़लत का बोलें। उसको जो कर रहा है वो इस उम्र में नाम है, लेकिन इन सबके अलावा और भी चीजों पर ध्यान देना सबसे जरूरी है। जैसे की पढ़ाई, रुचि और बाकी सब। इन्हें सोशल मीडिया और फिल्मों में दिखाई गई जिंदगी और असल जिंदगी में ये बातें बेहद बेकार हैं।
बच्चे के अधिकारिता कोच
टीनेज़ में हुआ पहला प्यार किसी के लिए भी बेहद ख़राब होता है। ऐसा पहली बार होता है जब बच्चा अपने परिवार और अपनी मां-बाप के अलावा खुद किसी तरह की हरकत करता है। ऐसे में उनके सामने विलेन बने की जगह उनके दोस्त हैं। वो प्यार के बारे में क्या सोचते हैं और असल में प्यार क्या होता है; इस बारे में फ्रैंक बात करें। यहां आप उसकी काफी सारी गलत फहमियों में दूर रह सकते हैं। ये आगे आने वाले उसका हर एक विकल्प के लिए धमाल मचाएगा। ध्यान देने से बच्चे को पूरी तरह से दोषी ठहराया जा सकता है या उसे पूरी तरह से खुला छोड़ दिया जा सकता है।