मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रहा फ्रॉड, जरा सा चूके तो लगेगा हजारों का चूना

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मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फ्रॉड करने वाले फेक पहचान दिखाकर लोगों को लुभाते हैं और बड़ी रकम देने का वादा करते हैं। ऐसे में सावधान रहना बेहद जरूरी है।

ऐसेअगर आप घर की छत पर या फिर अपने खाली पड़े प्लॉट या खेत में मोबाइल टावर लगवाकर हर महीने कमाई करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको अलर्ट रहना चाहिए। आजकर मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन के नाम पर ठगी और फ्रॉड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और अलग-अलग तरीकों से आम लोगों को चूना लगा रहे हैं। आइए आपको फ्रॉड के इस तरीके और इससे बचकर रहने का उपाय दोनों बताते हैं।

मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन फ्रॉड क्या है?

मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन फ्रॉड में फ्रॉड करने वाले लोग लोगों को फोन करके या मिलकर यह बताते हैं कि वे किसी टेलिकॉम कंपनी से हैं और उनकी जमीन पर मोबाइल टावर लगाना चाहते हैं। इसके लिए वे आपको बड़ी रकम देने का लालच देते हैं। कुछ मामलों में, वे आपको फेक डॉक्यूमेंट्स भी दिखा सकते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि टेलिकॉम कंपनियां इस तरह से सीधे लोगों से संपर्क नहीं करती हैं।

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ये हैं फ्रॉड के कुछ आम तरीके

फोन कॉल: फ्रॉड करने वाले आपको कॉल करके यह बताते हैं कि आपकी जमीन पर मोबाइल टावर लगाने के लिए सरकार की ओर से अनुमति मिल गई है और आपको बड़ी रकम दी जाएगी।

घर आकर मिलना: कई बार ये लोग आपके घर आकर आपको फेक डॉक्यूमेंट्स दिखाते हैं और आपको भरोसा दिलाने की कोशिश करते हैं कि वे असली हैं।

ऑनलाइन फॉर्म: कुछ मामलों में ये फ्रॉडस्टर्स आपको ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए कहते हैं और आपसे पर्सनल जानकारी मांगते हैं।

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इन बातों का ध्यान रखना जरूरी

किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा ना करें: अगर कोई अनजान व्यक्ति आपको फोन करके या घर आकर मोबाइल टावर लगाने का प्रस्ताव देता है, तो सावधान हो जाएं।

डॉक्यूमेंट्स की अच्छे से जांच करें: अगर कोई व्यक्ति आपको कोई डॉक्यूमेंट दिखाता है, तो उसे ध्यान से पढ़ें और उसकी सत्यता की जांच करें।

टेलिकॉम कंपनी से संपर्क करें: अगर आपको कोई शक होता है, तो आप उस टेलिकॉम कंपनी से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं जिसका नाम फ्रॉड करने वाले लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं: अगर आपको लगता है कि आप फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

टेलिकॉम कंपनियां कभी भी सीधे जमीन के मालिकों से संपर्क नहीं करती हैं और स्थानीय प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों से अनुमति लेती हैं। यही वजह है कि आपको किसी भी तरह का एडवांस पेमेंट नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अपने बैंक अकाउंट की जानकारी किसी को ना दें।



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