उत्तर प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित आंतरायिक राज्य सेवा (पीसीआर) प्रारंभिक परीक्षा में हर साल एक से अधिक संयोजक छोड़ दिए जाते हैं। ऐसे समय में जब पेपर लिक रोक के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2024 में आवेदन करने वाले 5,76,154 आदिवासियों की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन पर विचार कर रही है, यदि परीक्षा में शामिल होने वाले वास्तविक उपभोक्ता ही हैं आवेदन करें तो शायद एक हद तक इस बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।
ऐसा हो तो आयोग कम संसाधन और कम खर्च में अधिकतम अनुपात परीक्षण में सफल होगा। किशोर राज्य की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए आयोग ने आवेदन फीस अधिकतर 225 रुपये रखी है। इसका परिणाम यह है कि बड़ी संख्या में ऐसे विद्यार्थी भी आवेदन कर देते हैं जो परीक्षण को लेकर बहुत अधिक गंभीर नहीं होते हैं। परिणाम परीक्षण के हजारों दिन में लाखों में नहीं स्टोटल स्टॉक हो जाते हैं।
वर्षवार पीसीएस में डायनामाइट की संख्या
वर्ष पंजीकृत सम्मिलित उपस्थिति प्रतिशत में
– 2023 5,65,459 3,45,022 61.01
– 2022 6,02,974 3,29,310 54.61
– 2021 6,91,173 3,21,273 46.48
– 2020 5,95,696 3,14,699 52.82
– 2019 5,44,664 3,18,147 58.41
– 2018 6,35,844 3,98,630 62.69
2021 में बाकी से ज्यादा गैरहाजिर
वर्ष 2018 से 2023 तक की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में एक से अधिक कोस्टेक्टॉमी बने हुए हैं। 2021 में तो आवेदन करने वाले 6,91,173 बैपटिस्टों में से अधिक 3,69,900 (53.51 प्रतिशत) टेस्ट देखने लायक नहीं हैं। पीसीएस 2020 में भी आवेदन करने वाले 5,95,696 अभ्यर्थियों में से लगभग 3,14,699 (52.82 प्रतिशत) ही उपस्थित रहे।