वक्फ लॉ: वक्फ कानून को लेकर बुधवार (16 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश या निर्देश नहीं दिया है. अब इस मामले में 17 अप्रैल को दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी. कोर्ट ने टिप्पणी की है कि वक्फ बोर्ड में एक्स ऑफिशियो मेंबर के अलावा मुस्लिम सदस्य ही हों. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह का भी बयान आया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देता हूं कि निष्पक्षता और निडरता के साथ बहुत जल्दी सुनवाई की तारीख तय की गई, क्योंकि सर्वोच्च अदालत में केसों की व्यस्तता के चलते जल्दी सुनवाई नहीं हो पाती. उन्होंने आगे कहा कि चूंकि धार्मिक भावनाओं के कारण लोगों के कई सवाल हैं. वक्फ संशोधन बिल पहले लोकसभा से पास हुआ फिर राज्यसभा से और राष्ट्रपति की मुहर के बाद ये कानून बना.
ममता बनर्जी पर साधा निशाना
उन्होंने कहा, ‘बहन ममता दीदी इस कानून को लेकर कुछ नाराज हैं. उनकी आपत्ति है और भी कुछ लोगों की आपत्ति है. लोकतंत्र में ये जरूरी भी है. ये कानून बहुमत के आधार पर बना है तो इसमें जो कुछ भी शिकायतें होंगी उनको सुप्रीम कोर्ट दूर करेगी, क्योंकि सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हो रही है तो जो भी परिणाम आएगा सबको मान्य होगा’. उन्होंने आगे कहा, ‘ममता दीदी ने जैसी भाषा का प्रयोग किया, संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस तरह की भाषा की उम्मीद नहीं की जाती. पश्चिम बंगाल में जो दंगे हो रहे हैं वो ठीक नहीं है’.
#घड़ी | दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली एससी सुनवाई याचिकाओं पर, एडवोकेट एपी सिंह कहते हैं, “मैं अदालत को धन्यवाद देना चाहता हूं जहां मैं पिछले 27 वर्षों से वहां हूं … उन्होंने जल्द से जल्द इस मुद्दे पर सुनवाई की … देश के राष्ट्रपति भी … pic.twitter.com/ztusvqcxrc
– वर्ष (@ani) 16 अप्रैल, 2025
‘राहुल गांधी को नहीं लगा कि इसमें कुछ गलत है’
सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह ने कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को नहीं लगा कि इसमें कुछ गलत है इसलिए उन्होंने संसद में चर्चा में भाग नहीं लिया. उन्होंने बात नहीं की. प्रियंका गांधी उस वक्त विदेश में थीं उन्होंने भी तब इस पर कुछ नहीं बोला. इसका मतलब है कि उनको ये कानून सही लग रहा था’. एपी सिंह ने कहा, ‘जिन लोगों की भी वक्फ कानून को लेकर असहमति है, जो भी इसका विरोध कर रहे हैं. उन सबका फैसला सुप्रीम कोर्ट की ओर से किया जाएगा. हमारी गंगा जमुनी तहजीब बनी रहनी चाहिए’.
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