Drug Syndicate: अवैध दवा व्यापार के खिलाफ अब तक की सबसे व्यापक कार्रवाइयों में से एक के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुख्यालय की ऑपरेशंस यूनिट ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया है, जो, एन्क्रिप्टेड डिजिटल प्लेटफॉर्म, ड्रॉप शिपिंग मॉडल और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर चार महाद्वीपों में नियंत्रित दवाओं की तस्करी कर रहा था. नयी दिल्ली की बंगाली मार्केट के पास वाहनों को रोक कर जांच करने की एक नियमित प्रक्रिया के रूप में शुरू हुई यह कार्रवाई एक परिष्कृत आपराधिक नेटवर्क को उजागर करने में बदल गई, जो भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में फैला हुआ था. यह अवैध फार्मा नेटवर्क की वैश्विक पहुंच और समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रवर्तन कार्रवाइयों का नेतृत्व करने की एनसीबी की क्षमता को दर्शाता है. इस ऑपरेशन ने 04 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में फैले एक वैश्विक नेटवर्क का खुलासा किया. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एनसीबी और अन्य एजेंसियों को ग्लोबल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने पर बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर ड्रग गिरोह, चाहे वह कहीं से भी चल रहा हो, को खत्म करने और देश के युवाओं की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है.
दिल्ली से अलबामा तक ऐसे पहुंची जांच
मंत्रालय के मुताबिक 25 मई 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर एनसीबी मुख्यालय की ऑपरेशन्स टीम ने दिल्ली में मंडी हाउस के पास एक कार को रोका और कार में सवार दो व्यक्तियों, जो नोएडा के एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय से बी. फार्मा स्नातक थे, उनके कब्जे से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल (Tramadol) टैबलेट जब्त किए. पकड़े गए व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि वे एक प्रमुख भारतीय B2B प्लेटफॉर्म पर वेंडर प्रोफाइल संचालित कर रहे थे, जहां से वे अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में ग्राहकों को फार्मास्यूटिकल गोलियां बेचते थे. पूछताछ से प्राप्त सुरागों ने जांच टीम को रुड़की में एक स्टॉकिस्ट तक पहुंचाया. जिसके बाद दिल्ली के मयूर विहार में एक प्रमुख सहयोगी को गिरफ्तार किया गया, जिसने कर्नाटक के उडुपी में एक संपर्क का खुलासा किया, जो अमेरिका के लिए थोक ऑर्डर और शिपमेंट का इंतजाम करता था. उपरोक्त जानकारी वैश्विक समकक्षों और इंटरपोल के साथ साझा की गई, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका के अलबामा में अमेरिका के ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (US DEA) द्वारा एक थोक री-शिपर और मनी लॉन्डरर (money launderer) की पहचान और गिरफ्तारी हुई, साथ ही नियंत्रित दवाओं का एक विशाल भंडार जब्त किया गया.
गोपनीयता के लिए बनाया गया नेटवर्क
इस सिंडिकेट ने टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म पर काम किया, क्रिप्टोकरेंसी, पेपैल (PayPal) और वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया और मामले का खुलासा होने से बचाव के लिए अनाम अंतरराष्ट्रीय ड्रॉप शिपर्स का उपयोग किया. डिजिटल फोरेंसिक जांच से नयी दिल्ली और जयपुर से दो और भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी हुई, जो लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति-संबंधी कार्यों को संभालते थे. ऑपरेटरों ने कभी अपने गृह देशों में शिपमेंट नहीं किया और कानून से बचने के लिए नेटवर्क में अन्य ड्रॉप-शिपर्स के माध्यम से समन्वय किया. अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त से जुड़े कामकाज देखने वाले मुख्य सरगना की पहचान हो चुकी है और वह यूएई में स्थित है. एनसीबी, यूएई के अधिकारियों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में एक गुप्त गोली निर्माण इकाई (pill manufacturing facility) का पता चला, जो इस सिंडिकेट से सीधे जुड़ी थी. ऑस्ट्रेलिया में कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इस इकाई को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया. अन्य क्षेत्रों में ऑपरेशन अभी भी जारी हैं. अमेरिका के ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (US DEA) ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क के एक प्रमुख सरगना को पकड़ा है. अलबामा में स्थित एक प्रमुख री-शिपर, जोएल हॉल, को समन्वित ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 17,000 से अधिक नियंत्रित दवाओं की गोलियां जब्त की गई. यह जटिल नेटवर्क आधुनिक अवैध व्यापार में डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्रिप्टोकरेंसी और सीमा-पार लॉजिस्टिक्स के बढ़ते मेल को दर्शाता है और ऐसे अभियानों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने के महत्व को उजागर करता है. अब तक 08 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. क्रिप्टो वॉलेट तथा हवाला चैनलों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच भी जारी है. एनसीबी अवैध ऑनलाइन फार्मेसियों के प्रसार को रोकने के लिए निजी क्षेत्र के प्लेटफार्मों के साथ भी संपर्क में है, जो खुलेआम नियंत्रित दवाओं की बिक्री का प्रचार कर रही हैं.