Multitracking Project: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और जानकारी दी. उन्होंने कहा, ये परियोजनाएं देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात में 52 करोड़ लीटर की कमी लाने और कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 264 करोड़ किलोग्राम की कटौती करने में मदद करेंगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
#घड़ी | दिल्ली | भारतीय रेलवे के कोडर्मा – झारखंड में बरकाकाना मल्टीट्रैकिंग परियोजना, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, “विशेषज्ञों की गणना के अनुसार, इस परियोजना द्वारा अनुक्रमित कार्बन डाइऑक्साइड सात करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा। pic.twitter.com/zgrjldkz4m
– वर्ष (@ani) 11 जून, 2025
कोडरमा-बरकाकाना ट्रैक का होगा मल्टीट्रैकिंग
स्वीकृत परियोजनाओं में से एक 133 किलोमीटर लंबे कोडरमा-बरकाकाना ट्रैक के दोहरीकरण से संबंधित है. यह ट्रैक न केवल झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है, बल्कि पटना-रांची के बीच का सबसे छोटा और अधिक सक्षम रेल संपर्क मार्ग भी है.
#घड़ी | दिल्ली | भारतीय रेलवे की बल्लारी – कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में चिकजजुर मल्टीट्रैकिंग परियोजना पर, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, “यह दोहरीकरण परियोजना 185 किमी तक फैला है, और इसकी लागत 3,342 करोड़ रुपये है। यह कुशलता से हिंसरलैंड को जोड़ देगा। pic.twitter.com/76b6c5rlan
– वर्ष (@ani) 11 जून, 2025
दूसरी मल्टीट्रैकिंग परियोजना बेल्लारी-चिकजाजुर ट्रैक
दूसरी परियोजना 185 किलोमीटर लंबे बेल्लारी-चिकजाजुर ट्रैक के दोहरीकरण की है। यह ट्रैक कर्नाटक के बेल्लारी एवं चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरता है.
मल्टीट्रैकिंग परियोजना से बढ़ेगा 1,408 गांवों तक रेल संपर्क
स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बढ़ेगा. इन गांवों की कुल आबादी लगभग 28.19 लाख है. सरकार ने बयान में कहा, ‘‘ये रेल मार्ग कोयला, लौह अयस्क, तैयार इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं. इनकी क्षमता में वृद्धि से 4.9 करोड़ टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी.’’ ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव रेलवे परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार किए गए हैं.