टोयोटा के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से मुलाकात की। और अधिक विस्तृत दस्तावेज़ीकरण में कहा गया है कि हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाने की मांग की जा रही है।
जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी अध्यक्ष और समाजवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय झा ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से मुलाकात की। और हवाईअड्डे और रनवे के विस्तार को लेकर समग्र उद्देश्य। जिस पर स्मारक लेते हुए उड्डयन मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को बनाने, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और बेंगलुरु के बीच उड़ान सेवा शुरू करने का प्रस्ताव तैयार करने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं। इसकी जानकारी संजय झा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर की है।
संजय झा ने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई जहाज योजना के तहत एक अत्यंत सफल हवाई अड्डा है, जो 5 लाख से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान कर रहा है। वर्तमान में यहां से स्पाइसजेट जेट एयरलाइंस मुख्य रूप से रेस्तरां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, बेंगलुरु जैसे सिंगापुर पर अपने आश्रम दे रही हैं। लेकिन, इस एयरलाइंस के कार्यकारी समय में अवशेष और रॉकेट को अचानक रद्द कर दिए जाने से यात्रियों को काफी सामान का सामना करना पड़ रहा है। यहां से हजरत की संख्या कम होने के कारण भाड़े में भी काफी वृद्धि हुई है।
इंडिगो, अकासा एयरलाइंस के निवेशकों के लिए भी महत्वपूर्ण स्टूडियोज के लिए पासपोर्ट बनाने की मंजूरी और टाइम स्टूडियो दिया गया। साथ ही स्पाइसजेट जेट को जो टाइम स्टूडियो उपलब्ध कराया गया है, वहां से जहां के उनके पासपोर्ट्स नहीं हैं, उस टाइम स्टॉपेज को भी अन्य एयरलाइंस उपलब्ध कराती हैं। ऐसे में ग्रोथ ग्रोथ पर एयरपोर्ट से सलाह करने वाले यात्रियों को कीमत पर बेहतर सुविधा मिलेगी। आगामी दुर्गापूजा, दशहरा, छठ महापर्व पर ध्यान देने के लिए एयरपोर्ट से लेकर यात्रियों तक का ध्यान रखना जरूरी है।
हवाईअड्डे पर रनवे का विस्तार करते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में घोषित करना अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। यह एयरपोर्ट बिहार के 21 लाख यात्रियों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। यह अंतर्राष्ट्रीय सीमा से अधिक दूर नहीं है। ऐसे में इसमें पूरे उत्तर बिहार के लोगों के लिए इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने से लेकर इंटरनैशनल इंटरनेट और बिजनेस ट्रैवलर्स की संख्या शामिल होगी। इससे व्यापार और निवेश बढ़ाने के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयास को बल मिलेगा। साथ ही, अपनी समृद्ध धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपरा के कारण मिथिला अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।