राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गृह विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। जिसमें साफ कर कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। और अपराध भौतिक शास्त्र करने में कोताही पर सिपाहियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अपराध अर्थशास्त्र करने में कोताही पर सिपाहियों पर सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री नीतीश ने शनिवार को एक और मार्ग स्थित संकल्प में गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट कर दिया कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी भी प्रकार की संबद्धता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऑलवेज़ वेलेवल्स पर सीक्वल एक्शन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध अनुसंधान में तेजी से काम करो और इसे समय-समय पर पूरा करो ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके। पुलिस और प्रशासन के लिए कानूनी व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य करें और अपराध नियंत्रण को पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करें। स्नातक में किसी भी प्रकार की विविधता नहीं बरतें, रात्रि स्नातक और तेज़ करें। रात्रि एवं रात्रि यात्रा में स्वयं औचक निरीक्षण करें। विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सभी पूर्ण तन्मयता से काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाली पड़े 1.23 लाख गरीबों पर महिलाओं को 35 प्रतिशत गरीबों के साथ जल्द बहाल करें। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न स्थानों पर 2,29,139 पद बनाए गए हैं। 1,06,436 विश्राम गृह हैं। शेष रिक्तियों पर शीघ्र बहाली करें। कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की अहम भूमिका है।
शीघ्र ही वैधानिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए पुलिस की बहाली की जाएगी। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत शीर्षक का प्रस्ताव रखा है। अभी तक बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गई है। बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है, जो शिकायत लेकर आ रही हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में मदद मिल रही है और उनके साथी बढ़ रहे हैं। साल 2005 में सरकार में आने के बाद हम लोगों ने सभी इलाकों में विकास का काम किया। महिलाओं को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई काम किए गए हैं। महिलाएं शिक्षित भी हुई हैं और स्वावलंबी भी बनी हैं, जिससे समाज और परिवार में सकारात्मक बदलाव आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रही हैं। जानकारी दी गई है कि यह वेबसाइट 46.69 प्रतिशत हो गई है। ये अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण और बस्ती का काम तेजी से पूरा हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होने वाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह से कमी आये। प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से मुश्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नज़र डालें।
बैठक में मुख्यमंत्री को गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने गृह विभाग द्वारा कामकाज की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भू-समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि जनित मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान किया जा रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी आ रही है। बैठक में गृह विभाग से संबंधित विभिन्न उत्पादों पर भी चर्चा की गई।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व डॉ. एस. सिद्धार्थ, निदेशक सह महासमादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं आवासीय सचिवालय शोभा अहोतकर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार वी कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, गृह विभाग के विशेष सचिव के.एस. अनुपम, पुलिस महानिरीक्षक सह अपर समादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी एवं राइफल सेवा सुनील नायक और गृह विभाग के अपर सचिव अनिमेष पांडे उपस्थित रहे।