संजीव हंस ने मॉल के आईटी सिटी सेक्टर 101-ए में 500 वर्ग गज की एक व्यावसायिक खरीददारी रखी है। यह प्रोजेक्ट के दिग्गज जतिंदर कुमार सांगरी के माध्यम से कमल कांत गुप्ता के नाम पर 31 अगस्त, 2020 को 92 लाख 50 हजार रुपये में खरीदा गया था।
ऊर्जा विभाग बिहार के पूर्व प्रधान सचिव संजीव हंस ने काली कमाई खापने और डेमी के लिए नामी संपत्तियां भी खरीद रखी हैं। आमी प्रॉपर्टी के बारे में खास तौर पर पंजाब के मुस्लिमों में बिजनेस अलॉटमेंट और हिमाचल प्रदेश के कसौली में विला भी खरीदने की योजना है। एचडी की जांच के आधार पर विशेष पर्यवेक्षक इकाई (वीयू) में दर्ज दस्तावेजों का उल्लेख विशेष रूप से किया गया है।
के अनुसार, संजीव हंस ने आईटी सिटी के सेक्टर 101-ए में 500 वर्ग गज की एक व्यावसायिक खरीददारी रखी है। यह प्रोजेक्ट के दिग्गज जतिंदर कुमार सांगरी के माध्यम से कमल कांत गुप्ता के नाम पर 31 अगस्त, 2020 को 92 लाख 50 हजार रुपये में खरीदा गया था। जांच में यह बात सामने आई कि संजीव हंस की पत्नी हरलोविलीन कौर ने 24 अगस्त, 2020 को जतिंदर कुमार सांगरी के खाते में 92.50 लाख और 10 लाख रुपये का चेक लगाया था। इस तरह कमलकांत के नाम से मिली संपत्ति की पूरी राशि, भुगतान संजीव हंस की पत्नी ने किया था।
जल संसाधन विभाग में रसायन के दौरान ली गई थी कमीशन
संजीव हंस जब बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष थे, तब स्पिल सिंगला के अनबे में एक सुरसा सिंगला अपने करीबी लोगों में से एक थे। अन्य कई खोजों में भी सरकारी टेककों और श्रमिकों में लिओजनर की भूमिका शामिल है। कमलकांत गुप्ता सुरेश अकेले के समधी हैं। संजीव हंस के इस पद के दौरान मेसर्स मदरस्वा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड में सुरेश सिंगला के बेटे वरुण सिंगला को निदेशक मंडल में शामिल किया गया था। इस कंपनी के बैंक खाते में 50 लाख रुपये कमलकांत गुप्ता के नाम रखे गए थे। डीएच को दिए गए पवन कुमार के बयान के अनुसार, 50 लाख रुपये संजीव हंस के कमीशन के पैसे थे, जो जल संसाधन विभाग में काम के बदले उन्हें मिले थे।
कसौली में साले और पिता के नाम से अंतिम विला
संजीव हंस के पिता लक्ष्मण दास हंस और साले गुरु सरताज सिंह का नाम हिमाचल प्रदेश के कसौली के ग्लेनव्यू रिसॉर्ट्स में दो विला है। इसके लिए लक्ष्मण दास हंस ने 1.05 करोड़ और गुरु सरताज सिंह ने 1.20 करोड़ रुपये रखे थे। रीसायकल के रेजिडेंट नेशनल रिसर्चिस्ट सुनील कुमार सिन्हा ने पूछताछ में बताया कि कैसौली के रिसॉर्ट्स में संजीव हंस ने 95 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जांच में इसके साक्ष्य प्रमाण मिले हैं कि ये चारों विला संजीव हंस की ही नामी संपत्ति है।