बिना वेतन के जज कैसे करेंगे काम? नीतीश सरकार पर क्यों बिफ़रे सीजेआई चंद्रचूड़

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सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.

प्रमोद प्रवीण भाषानई दिल्लीसोम, 30 सितंबर 2024 05:22 अपराह्न
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देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को बिहार की नीतीश सरकार में उस समय बिदक गए, जब वह पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा को कई महीनों से वेतन और मामले की सुनवाई कर रहे थे। राज्य सरकार ने गंभीर रुख अपनाते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ ने बिहार सरकार को सख्त निर्देश दिया कि वह जस्टिस मिश्रा के लिए अल्पावधि सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते के लिए अपने थिएटर तनख्वाह जारी करें।

सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे. न्यायमूर्ति रुद्र प्रकाश मिश्रा को 4 नवंबर 2023 को जिला जेल से पटना उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था। उन्हें उनके प्रियजनों की तारीख से वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके करीबी जीएफ़ का खाता नहीं है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए विशेष रूप से वेतन भुगतान की शर्त है।

निचली अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (एन पी एस) के अंतर्गत आते हैं और इसके लिए उनके पास जीआईपी नहीं मिलती है। बाकी मिश्रा को अपना वेतन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एनपीएस के अंतर्गत नहीं आते हैं। पृष्ण ने पूछा, “सैकेतिक वेतन क्यों नहीं मिल रहा है?” ये क्या है? हम उनकी तनख्वाह रिलीज़ करने के लिए अंतरिम ऑर्डर जारी करेंगे।”

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पृष्णि ने कहा कि वह बिहार सरकार को एक अल्पाजी जीप अकाउंट के निर्देशक के रूप में जाना जाता है। सेंटर की ओर से शीर्ष अदालत में पेश किए गए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार तक का समय मांगा और माफी मांगने के लिए कहा कि तब तक के लिए छात्र बने रहेंगे।



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