बिहार में श्रीकांत की नोबेल नीति पर मठ अभी तक चल रहा है। ऐसे में पोस्टकार्ड के पोस्टकार्ड में लेटेगी।
बिहार शिक्षक स्थानांतरण: लंबे समय से बदलाव का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों इंजीनियरों को झटका देने वाली खबर है। इलेक्ट्रोनम के पोस्टल में अभी देरी होगी। प्लांट के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाई जा रही नीति पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। संशोधन पर मंथन जारी है। इससे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दावा किया था कि इसी महीने प्लांट की नई पोस्टिंग आ जाएगी। इसके बाद माना जा रहा था कि अगले महीने से टेबलें भी शुरू हो जाएंगी।
2 जुलाई, 2024 को शिक्षा विभाग ने कमिटी स्टूडियो की थी के साथ ही स्टूडियो के स्टूडियो और कॉमर्स की थी। समिति के गठन को लेकर जारी पत्र में कहा गया था कि 15 दिन पहले यह अपनी रिपोर्ट देवी, जो आधार पर विभाग निर्णय लेती है। इस बात को मुख्य महीने हो गए हैं, लेकिन कमिटी की रिपोर्ट अब तक फाइनल रूप में नहीं दी जा सकी है। इसका मतलब यह है कि एसोसिएटेड एसोसिएशन और अनुकंपा पर एसोसिएट्स के सहयोगियों की पेशकश अभी देर से होगी।
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के अध्यक्ष इस समिति में हैं। इसमें माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा के निदेशक सदस्य हैं। ये दोनों डायरेक्टर भी अब नए आ गए हैं। समिति की कई बार बैठक हो चुकी है। इसमें उक्त दोनों मामलों के लिए नीति का एक प्रारूप तैयार किया गया है। अभी संशोधन पर विचार चल रहा है। यही वजह है कि अरेस्ट कमिटी के अंतिम नतीजे शिखर तक नहीं पहुंच पाए हैं।
शिक्षक दिवस के मौके पर पिछले दिनों शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने घोषणा की थी कि संकाय के लिए उदार नीति तैयार की जा रही है। इस संबंध में दस्तावेज़ी दस्तावेज़ हैं कि एक बार नए तीर्थस्थल से क्रांति को अंतिम रूप देने पर तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके बाद डिविज़न प्रमुखों और मंत्रियों के मंज़ूरी के बाद नीति पर संसदीय दल से पदभार ग्रहण किया जाएगा। इसके बाद ही नीति के आधार पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र और सचिवालय का निर्माण होगा। साथ ही अनुकंपा पर मृत अस्सिटेबल की छुट्टी का भी साफा होगा