बिहार बाढ़: बिहार के 12 स्नानघरों पर 72 घंटे तक की आफत, गंगा-सोन, कोसी और गंडक का बाढ़; कई लोगों पर पलायन के अवशेष


बिहार बाढ़: नेपाल, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में होने वाली बारिश ने उत्तर बिहार के साथ-साथ दक्षिण बिहार की नदियों में उफन ला दिया है। बड़ी नदियों के डेक में डकैती का दौर जारी है।

निशांत नंदन हिंदुस्तानपटनारवि, ​​22 सितम्बर 2024 02:10 पूर्वाह्न
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बिहार बाढ़ : बिहार में बिना बारिश आई मसूड़ों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सेंचुरी में सामान्य से 27 फीसदी कम बारिश हुई है लेकिन नदियों में तूफानी उफान है। इसके कारण राज्य के 12 शौचालयों में अगले 72 घंटे तक बाढ़ से राहत की संभावना नहीं है। इसके बाद ही रिवर का मस्क लाल निशान से नीचे जाने की उम्मीद है। सबसे दिल की बात यह है कि सितंबर माह के पहले पखवारे के बाद नदियों में ऐसी उफान पहले नहीं हुई। हाल यह है कि पिछले 100 घंटे से अधिक समय से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ये नहीं गंगा अपने रौद्र रूप में हैं।

नेपाल, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में होने वाली बारिश ने उत्तर बिहार के साथ-साथ दक्षिण बिहार की नदियों में उफन ला दिया है। बड़ी नदियों के डेक में डकैती का दौर जारी है। नदियों में उफानराज को देखते हुए फरक्का बा के साथ-साथ इंद्रपुरी और वीरपुर बराज के सारे गीत पूरी तरह से ढकेल दिए गए हैं। गंगा के अलावा कोसी, गंडक, गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर पिछले 100 घंटे से लगातार खतरे के निशान से ऊपर है।

गंगा का कैंसर पटना से फरक्का तक तेजी से बढ़ रहा है। मसला यह है कि भागलपुर शहर के कई महासागरों में पानी घुस गया है। सबौर-कहलगांव एनएच-80 पर घोषपुर के पास पानी बह रहा है। इधर, शनिवार को राज्य के नए क्षेत्रों में पानी के विखंडन की संख्या में विखंडन हो गया है। 12 मूर्तियों के 61 टुकड़ों में से 327 ग्रामों के लोगों पर डंप का खतरा है। इसके बाद सरकार ने राहत कार्य तेजी से शुरू किया है।

कोयंबटूर में युवाओं को पलायन के लिए प्रशिक्षित और प्रशिक्षित लोगों की मदद ली जा रही है। 1280 नावों की खरीद जारी है। पाइजीअम सहायता के लिए 18 बोट डूबते जा रहे हैं। अब तक 57 हजार 500 पॉलिथिन सीक्रेट्स, 11 हजार उपभोक्ता राशन के टुकड़े बांटे गए हैं। विभिन्न उद्यमों में आठ राहत शिविर और 125 सिलिकॉन रसोई केंद्र का संचालन जारी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों को पूर्ण सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। वे शनिवार को सड़क मार्ग से पटना के आस-पास गंगा के लुप्त हो रहे अवशेषों का दौरा करने निकले। उन्होंने गंगा पथ के दीघा घाट से शहीद घाट तक का निरीक्षण किया। गंगा घाट, गांधी घाट और कृष्णा घाट पर रुककर गंगा के आसपास की स्थिति देखी गई और अधिकारियों से जानकारी ली गई। मुख्यमंत्री ने पटना के डॉक्टरों को निर्देश दिए कि गंगा के किनारे वाले इलाकों में बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी रेटिंग पर पहला हक आपदा का है।



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