बिहार की विभिन्न नदियों का संकट खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद पटना समेत 11 तालाबों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इससे पांच लाख से अधिक जनसंख्या प्रभावित हुई है। वैश्विक महामारी में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार बाढ़: गंगा, गंडक, घाघरा, सोन सहित कई नदियाँ उफान के बाद बिहार में बाढ़ से अवसादग्रस्त हो गई हैं। बाढ़ का पानी राज्य के 11 जिलों के 259 ग्रामों में भरा गया है। इससे करीब 5.35 लाख करोड़ की आबादी प्रभावित हुई है। अभी तक बाढ़ के पानी में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गई है। रात्रिभोज एक भोजपुर और चार सारण जिले के हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से राहत बचाव कार्य शीघ्र दिए गए हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने शुक्रवार को संबंधित नामांकन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बैठक में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने डेविस को कॉन्स्टेबल सुपरविजन रिज़र्व और सभी स्केटबोर्डर्स को राहत मुक्ति कार्य पर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि फ्लूइड प्रभावितों के बीच पॉलिथीन शीट का वितरण किया जा रहा है।
अब तक करीब 35 हजार शेख़ी बंटी जा चुकी हैं। चार राहत शिविर और 66 रसोई केन्द्रों का संचालन शुरू किया गया। 4250 राशन प्याज भी बाँटे गए। इंजीनियर और इंजीनियर की 13 यूनिट की स्थापना की गई है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए 971 नावों का संचालन शुरू हुआ। मछुआरों की सहायता के लिए सात बोट इंजीनियर चालू किये जा रहे हैं।
गंगा से कोलोराडो तेलंगाना पर सबसे अधिक प्रभाव
गंगा नदी से समुद्र तट पर बाढ़ का अत्यधिक प्रभाव देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित हैं पटना, भोजपुर, एस्ट्रोजेन, स्ट्रॉबेरी, फार्म जिले। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बस्तर के तीन खंडों की पांच मंजिलें 1780 लोग, भोजपुर के चार खंडों की 43 खंडों की 70 हजार 234 जनसंख्या, वाराणसी के छह खंडों की 29 खंडों की 76 हजार 19 लोग, भोजपुर के छह खंडों की 31 मंजिलें 94 हजार 600 लोग, पटना के आठ खंडों के 43 टुकड़ों के 93 हजार, बाकी के तीन खंडों के 18 टुकड़ों के 7600, कारखाने के आठ खंडों के 29 टुकड़ों के 45 हजार, टुकड़े के छह खंडों के 22 टुकड़ों के 81363, खगड़िया के चार खंडों के 21 खंडों के 19770 लोग, खंडों के चार खंडों के 8 खंडों के 1192 जनसंख्या प्रभावित हुई है।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की विशेष प्रश्नोत्तरी
अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने निर्देश दिया कि लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाओं के साथ ही श्रमिकों की नियुक्ति की जाए। जिन इलाके में सड़क मार्ग अवरूद्ध हो गया है, वहां नावों की आवाजाही शुरू हो गई है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से आयोजित किया जाता है। बाढ़ से प्रभावित खेतों से पानी की निकासी पर प्लाइजिंग पाउडर का तत्काल संयोजन। चावल और सब्जियों के बीच आवश्यकतानुसार राशन का वितरण। एटेलियरी का संचालन शुरू जय। नशे के लिए दवा-चारा के लिए पर्याप्त समाधान।