बिहार में बाढ़ के हाहाकार के बीच सी सर्वे ने केंद्र सरकार से बिहार को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की है। पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि राज्य के 22 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। जबकि 16 जिले मछुआरों से प्रभावित है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भीषण बाढ़ के बीच बिहार को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करने की मांग की है। सी सर्वेक्षण के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि नेपाल और पूरे बिहार में पिछले चार दिनों तक लगातार बारिश से राज्य की सभी नदियों में आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। बागमती और कोसी का टुकड़ा टूट गया है। अनजाने में लगी असफलता हो गई। लोगों के घर का पानी डूब गया है। बाढ़ पीड़ित जनता त्राहिमाम कर रही है। राज्य 22 में स्टेरॉयड से हाहाकार मचा हुआ है। वहीं 16 जिले ग़रीब की चोटी में है। ऐसे में केंद्र बिहार सरकार को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करेगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने बिहार में बाढ़ प्रबंधन के लिए आपको 11500 करोड़ दिए हैं। विस्तृत जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रविवार को पटना में बाढ़ समीक्षा बैठक के बाद दी थी। साथ ही बताया कि एयरफोर्स पर भी मदद मिलेगी। जरूरत पड़ने पर केंद्रीय टीम भी बिहार का दौरा कर सकती है।
रविवार को गंडक, कोसी समेत 13 नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। जिसमें शामिल हैं नेपाल, शिवहर, बाघा और तारामंडल में छह स्थानों पर मंदिर टूट गए। इससे जुड़े चार सामानों के बड़े इलाके में पानी भर गया। बाढ़ से लाखों की आबादी प्रभावित हुई है। इधर, आस-पास के अंधविश्वास में आई मधुमेह से लेकर मोटापे तक की चिंता बढ़ गई है। जिले के सभी आलाधिकारी संभावित मूड पर हैं। ऊध्र, बाढ़ से सीमांचल और कोसी में हाहाकार है।
पानी के दबाव से सचिवालय के बेलसंड वन्नीसैदपुर और शिवहर के तरियानी चंपारण में बागमती का चार स्थान टूट गया है। बेलसंड में 100 फीट, रुन्नीसैदपुर में 10 फीट पर बना है मंदिर। 100 से अधिक रेस्तरां के टुकड़ों में पानी भर गया है। किरतपुर के किरातपुर मंदिर में देर रात भी कोसी का मंदिर का उद्घाटन हुआ। होटल के बेलसंड में अस्पताल, सरकारी पर्यटकों और पर्यटकों के लिए तीन से चार फीट पानी बह रहा है। बाढ़ का पानी के बीच में बंधक बनाकर बंधक बना लिया गया।
के अनुसार, कोसीपॉल से खगड़िया तक, गंडक पश्चिम चंपारण विभाग से सोलोमन तक, जबकि महानंदा किशनगंज से ड्रिप तक तेजी से ऊपर जा रही है। 24 घंटे में इन सभी स्थानों पर नदियों के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने की संभावना है। शांत हो रही गंगा फिर से बढ़ने लगी है। उत्तर बिहार में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पश्चिम चंपारण में है। इसके 10 खंडों में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
रविवार को गंडक, कोसी समेत 13 नदियां लाल निशान के ऊपर बह रही हैं। जिसमें शामिल हैं नेपाल, शिवहर, बाघा और तारामंडल में छह स्थानों पर मंदिर टूट गए। इससे जुड़े चार सामानों के बड़े इलाके में पानी भर गया। बाढ़ से लाखों की आबादी प्रभावित हुई है। इधर, आस-पास के आयुर्वेदिक उत्पादों में आई मधुमेह से लेकर मोटापे तक की चिंता बढ़ गई है। जिले के सभी आलाधिकारी संभावित मूड पर हैं। ऊध्र, बाढ़ से सीमांचल और कोसी में हाहाकार है।
पानी के दबाव से सचिवालय के बेलसंड वन्नीसैदपुर और शिवहर के तरियानी चंपारण में बागमती का चार स्थान टूट गया है। बेलसंड में 100 फीट, रुन्नीसैदपुर में 10 फीट पर बना है मंदिर। 100 से अधिक रेस्तरां के टुकड़ों में पानी भर गया है। किरतपुर के किरातपुर मंदिर में देर रात भी कोसी का मंदिर का उद्घाटन हुआ। होटल के बेलसंड में अस्पताल, सरकारी पर्यटकों और पर्यटकों के लिए तीन से चार फीट पानी बह रहा है। बाढ़ का पानी के बीच में बंधक बनाकर बंधक बना लिया गया।
के अनुसार, कोसीपॉल से खगड़िया तक, गंडक पश्चिम चंपारण विभाग से सोलोमन तक, जबकि महानंदा किशनगंज से ड्रिप तक तेजी से ऊपर जा रही है। 24 घंटे में इन सभी स्थानों पर नदियों के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने की संभावना है। शांत हो रही गंगा फिर से बढ़ने लगी है। उत्तर बिहार में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पश्चिम चंपारण में है। इसके 10 खंडों में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
बगहा में चखनी राजवतिया और अगस्तिया के बीच का मंदिर 40 फीट में टूट गया है। इससे बगहा-1 की किराना भर्ती में तेजी से पानी फैल रहा है। योगाभ्यास की चार छुट्टियां में लोग छुट्टी के कारण घर खाली कर सुरक्षित जगह पर जाने लगते हैं। बगहा-1 और योगापार्टी की कोचिंग में इंजीनियर्स की टीम रवाना हो गई है। वाल्मिकीनगर में मरीन ड्राइव की फोर्स पर रिवर पाथवे भी गंडक के पानी के दबाव से धंसा हुआ है। वीडियो ट्रेलर से पानी के साथ बहकर हिरण रिआयशी क्षेत्र में आ गया। वाल्मिकीनगर गंडक बाराज से रविवार को 3.61 लाख क्यूसेक पानी डूब गया।