बिहार में भीषण बाढ़ से कई आश्रमों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। खगड़िया, पठानकोट, भागलपुर, दुकानदारों के टूटे फूटे टुकड़े हो गए हैं। और कटाव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां एक ओर लाखों की फसल की क्षति की घोषणा की जा रही है।
नेपाल में भारी बारिश के बाद उत्तर बिहार में कई नदियों के घाटों पर भारी दबाव पैदा हो गया है। 10 आचलों में कई अचरजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। खगड़िया, पठानकोट, भागलपुर, चंपारण, किशनगंज, अररिया, पश्चिमी मंदिर, मठ, सुपौल और भोजपुर जिलों में शिखरों पर भारी दबाव की स्थिति है। विभाग की ओर से इन आयुर्वेदिक के संबंधित प्रयोगशालाओं पर लगातार सिरदर्द से राहत के लिए दवाएं ली जा रही हैं।
इनमें कोसी, बागमती, गंडक, गंगा, बरंडी, कनकई, परमान, मेची, नूना, मसान नदियों के शिखरों में सीपेज और कटाव की स्थिति है। कई रेस्तरां के स्पार भी खराब हो रहे हैं। वॉरस्टार पर जद्दोजहद जारी है। जल संसाधन विभाग ने क्षेत्रीय उद्यमियों को शिविरों पर ही शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं।
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को बताया कि लगभग एक संकटग्रस्त नदियों के पानी से बने तालाबों पर भारी दबाव की स्थिति पैदा हो गई है। जहां-जहां दबाव की स्थिति है या फिर सिपेज हो रहा है वहां लगातार कटाव निरोधी कार्यकर्ता जा रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि जल संसाधन विभाग ने 106 कर्मचारियों की टीमों को मैदान में उतारने के लिए सभी प्रयोगशालाओं और अति संवेदनशील स्थानों की निगरानी की है। अब आर्किटेक्चरल आर्किटेक्चरल न हो इसके लिए सभी क्षेत्रीय आर्किटेक्चर को सख्त निर्देश दिया गया है और कहा गया है कि इस प्रेशर को काफी हद तक अपने यहां रखा गया है। प्रशिक्षु को किसी भी स्थिति से तैयारी के लिए रहने के लिए कहा गया है।
उधर, नेपाल में रेनराज थम्ने के बाद कोसी के वीरपुर बराज और गंडक के वाल्मिकीनगर में पानी की मात्रा तो कम हुई लेकिन डाउनस्ट्रीम में पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है। कोसी की सूची 1.92 लाख क्यूसेक जबकि गंडक की 1.66 लाख क्यूसेक रह गयी है। हालांकि कोसी और गंडक के अलावा गंगा, बागमती, बच्चा गंडक, कमला बलान, ललबकिया, अधवारा, महानंदा, घाघरा, लखनदेई, परमान और पश्चिम कनक नदियां सोमवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
विजय चौधरी बोले, सैन फ्रांसिस्को पानी आया
जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस साल नेपाल में भारी बारिश के बाद भारी बारिश हुई है। कोसी में 56 साल बाद जबकि गंडक में 21 साल बाद इतना पानी आया। स्थिति ऐसी हो गई है कि कई नदियों में अब तक सबसे ज्यादा पानी दर्ज हो चुका है। उन्होंने कहा कि बीटा 72 घंटे हमारे लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। आगे कई दिनों तक ऐसी स्थिति बनी रहेगी।
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34.60 किलोमीटर प्रति
रुनी सैदपुर खंडहर के नूनौरा एवं तिलक ताजपुर गांव के बागमती नदी का दांया स्मारक: 51.50 से 53.50 किलोमीटर
पश्चिम कुणाल के बगहा-1 खंड के खैरटवा गांव में गंडक नदी पर स्थित है 4.50 किमी पर
कोसी नदी के पश्चिमी तट के 38.45 किलोमीटर पर स्थित, पुरातात्विक जिले कीरथपुर के तेतरी गांव में स्थित है।
शिवहर जिले के तरियानी तट के तरियानी छपरा गांव में बागमती नदी का तट 46.60 किलोमीटर
उत्तर बिहार के सात शोरूम में बिजली आपूर्ति प्रभावित
बाढ़ के बीच उत्तर बिहार में बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हुई है। सात अप्रेल्थ, वैशाली, रतौंधी, खगड़िया, पश्चिमी चंपारण, सुपरमार्केट और शिवहर में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। कंपनी ने सावधनी बरते हुए तीन में से एक, ऑक्सन में एक और पोर्टफोलियो में दो सिद्धांतों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। सामान्य दिनों में उत्तर बिहार में चार हजार बिजली की आपूर्ति होती है। अभी ज्यादातर 35 सौ बिजली आपूर्ति हो रही है। वैसे तो उत्तर बिहार की प्राथमिकता: सभी जिलों में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा है।
राज्य में मधुमेह से 1.5 लाख हेक्टेयर की क्षति
राज्य में लगभग 1.5 लाख हेक्टेयर की क्षति का प्रारंभिक आकलन है। धान, मक्का, केला, सब्जी आदि बीजों की भारी क्षति हुई है। कृषि विभाग ने सोमवार को जिला कृषि विभाग से बाढ़ प्रभावितों को हुए नुकसान का आकलन रिपोर्ट देने के लिए कहा है। कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बाढ़ के कारण ही किसानों को नुकसान हुआ है। वास्तव में कितना नुकसान हुआ है, इसका विवरण दिया गया है। मंगलवार को मधुमेह से होने वाली क्षति की समीक्षा होगी। नुकसान के लिए किसानों को स्टॉक सहायता दी जाएगी। कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिला कृषि पशुपालन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कृषि फसल क्षति का आकलन कर रिपोर्ट दें।