धार्मिक प्रमुख मुकेश साहनी को वैयक्ति सुरक्षा की गारंटी होने के एक माह बाद भी अभी तक कोई सामान नहीं मिला है। जिस के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि अगर उनके नेता को कुछ हुआ तो इसके लिए बिहार सरकार जिम्मेदार होगी।
प्रगतिशील मानव जाति पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी की जान के खतरे पर नजर रखते हुए गृह विभाग ने एक महीने पहले ही वैरायटी सुरक्षा देने की पेशकश की थी, लेकिन एक महीने बाद भी मुकेश सहनी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। की गयी है. ईजेके लेकर इलेक्ट्रानिक ने विरोध किया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि चूंकि हम लोग नामांकित हैं, इसलिए बिहार सरकार सुरक्षा प्रदान करने में भेदभाव कर रही है। जब हमारे नेताओं की जान के खतरे को देखते हुए गृह विभाग ने Y+ के सुरक्षा नियमों पर सहमति दी है, तो सुरक्षा देने में देर क्यों की जा रही है, समझ से परे है।
धार्मिक सलाहकार देव ज्योति ने कहा कि हम लोग अपोजीशन में हैं, इसलिए हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। हम लोग अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। जल्द से जल्द बिहार सरकार सुरक्षा प्रदान करे। हमारी कंपनी के सीएम नीतीश हमारे नेता मुकेश सहनी को सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर उनके साथ कोई अलौकिक घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी।
बता दें कि मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद गृह विभाग ने आपको पत्र लिखा था। और पुलिस मुख्यालय से मुकेश सहनी को वाई+टाइका टेक की सलामी की थी। वाई सुरक्षा सुरक्षा में 16 युवा आस्तिक रहते हैं। इससे पहले बिहार सरकार के गृह विभाग ने विधानसभा से लेकर उपमुख्यमंत्री देवेशचंद्र ठाकुर और विपक्ष से भाजपा अल्पसंख्यक विवेक ठाकुर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। वहीं मंत्री लेसी सिंह को जेडी सुरक्षा दी गई है.
इससे पहले वर्ष 2023 में नोबेल रिपोर्ट के आधार पर प्रमुख मुकेश सहनी को केंद्रीय गृह विभाग की ओर से वाई सावल सुरक्षा दी गई थी। लेकिन 2024 में सुरक्षा वापस ले ली गई थी। जब वो आम चुनाव प्रचार में कैथोलिक थे। इसी साल कुछ महीने पहले आशुतोष में मुकेश सहनी के गांव में अपराधियों ने उनके पिता जीतन सहनी की मूर्ति से चाकू गोदकर की हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने जल्द ही हत्याकांड का खुलासा कर दिया। और मास्टरमाइंड सहित कई अन्य को गिरफ्तार किया गया था। हत्या की वजह पर बताए गए डॉक्टर का लेन-डेन था। पिता जीतन सहनी की हत्या के बाद ही गृह विभाग ने मुकेश सहनी की मित्रता पर सवाल उठाया था।