ललन सिंह ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से विकास के कार्य भी प्रभावित होते हैं। इन सारी समस्याओं का निदान है कि पांच साल में एक बार चुनाव होगा। इसे 2029 में लागू करना चाहिए।
एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर जेडीयू ने केंद्र सरकार का दरवाजा खोलकर समर्थन किया है. वामपंथी नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने रविवार को कहा कि देश को वन नेशन वन इलेक्शन की जरूरत है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कभी किसी विधानसभा तो कभी किसी का चुनाव होता रहता है. चुनाव में राज्य सरकार का पूरा प्रशासन रहता है। आदर्श आचार संहिता लागू होती है तो विकास के कार्य भी प्रभावित होते हैं। इन सारी समस्याओं का निदान है कि पांच साल में एक बार चुनाव होगा। इसे 2029 में लागू करना चाहिए। जिन राज्यों में चुनाव का समय बचा हुआ है, उन्हें पूरा प्रयास करना चाहिए।
बिहार में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी एक देश, एक चुनाव और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राय एक समान है। ललन सिंह ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस देश में कम्यूनिटी जारी रहेगी।’ बार-बार होने वाले चुनाव से विकास की गति धीमी होती है और अन्य उत्साह भी आते हैं। ‘अस्थायी अवयव।’
समर्थक नेताओं ने कहा कि इससे पहले भी बड़ी संख्या में कलाकारों ने रैली में भाग लिया था और विकास के कार्यों में भी भाग लिया था। उन्होंने कहा, ‘विकास की रूपरेखा को लेकर केंद्र और राज्य के अन्वेषणों को जो निर्णय दिया गया है, उनके प्रस्तावों को बेहतर तरीके से तैयार किया जाएगा और चुनावी मात्रा पर विचार किया जाएगा। ‘इसका लाभ अंततः संपूर्ण राष्ट्र को मिलेगा।’
अविश्वास सेंट्रल ने वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति श्री मिर्जा पत्रकारों की राष्ट्रपति में साझी समिति की मंजूरी दे दी है। जातिवाद समिति ने वन नेशन, वन इलेक्शन को दो चरणों में लागू करने की सलाह दी है। पहले चरण में संसद और विधानसभाओं का चुनाव साथ होगा। दूसरे चरण में सभी स्थानीय स्थानीय ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, नगर निगम, नगर पालिकाओं आदि के चुनाव होंगे।