‘चयनकर्ता खलनायक नहीं बनना चाहते’, रोहित-कोहली को बाहर करने की बात पर बोले पूर्व स्टार| BGT

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BGT: हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली और रोहित शर्मा का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. स्टार बल्लेबाजों के बल्ले से खराब प्रदर्शन के कारण भारत को 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा. विराट और रोहित शर्मा ने पिछले कई सालों से घरेलू क्रिकेट नहीं खेला है. हार के बाद कोच गौतम गंभीर ने खिलाड़ियों को फॉर्म वापस पाने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह दी है. अब यह देखना मजेदार होगा कि ये सीनियर खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी के अगले चक्र में खेलते हैं या नहीं. कई क्रिकेट पंडितों ने दोनों के संन्यास की भी अटकले लगाई हैं, हालांकि बीसीसीआई के लिए उन्हें बाहर करना इतना आसान नहीं है.

मांजरेकर ने बताई चयनकर्ताओं की मजबूरी

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि चयनकर्ता खलनायक नहीं हैं, जो स्टार खिलाड़ियों का करियर अचानक से खत्म कर देंगे. मांजरेकर ने हिंदुस्तान टाइम्स के लिए लिखे एक कॉलम में कहा, ‘चयनकर्ता उम्मीद करते हैं कि खिलाड़ी खुद ही बाहर चले जाएं ताकि वे खलनायक की तरह न दिखें, जिन्होंने एक महान खिलाड़ी के करियर को बेरहमी से खत्म कर दिया.’

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मांजरेकर ने आईकन कल्चर पर उठाए सवाल

मांजरेकर ने कहा, ‘बात यह है कि जब बड़े खिलाड़ियों की बात आती है, तो हम एक देश के रूप में तर्कसंगत नहीं रह पाते हैं. भावनाएं बहुत अधिक होती हैं और इन खिलाड़ियों पर निर्णय लेने वाले लोग इस माहौल से प्रभावित होते हैं. वे उन करोड़ों फैंस के सामने विलेन नहीं बनना चाहते.’ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद मांजरेकर ने ही कहा था कि इस समय भारतीय क्रिकेट में “आइकन कल्चर” हावी है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए.

ऑस्ट्रेलिया में रोहित-कोहली का बेहद खराब प्रदर्शन

रोहित और कोहली के हालिया प्रदर्शन की बात करें तो कोहली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की 9 पारियों में सिर्फ 190 रन ही बना पाए. पर्थ में शतक बनाने के बावजूद, कोहली सीरीज में संघर्ष करते रहे और ऑफ स्टंप की गेंद को छेड़ते हुए उसी अंदाज में आउट हुए, जैसा वे कई बार हुए हैं. सबसे खराब प्रदर्शन तो कप्तान रोहित का रहा. उन्होंने 5 पारियों में 31 रन बनाए. खराब फॉर्म के कारण आखिरी टेस्ट में उन्हें बाहर बैठना पड़ा.



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