आजमगढ़ जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र में नौ मदरसों के संचालकों और प्रबंधकों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। इन मदरसों के संचालकों पर 409, 420 ,467, 468, 471 आईपीसी के तहत सरकारी धन का गबन करने को फर्जी तरीके से मदरसे का संचालन करने पर जीयनपुर पुलिस
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उनमें प्रमुख रूप से मदरसा नुरुल इस्लाम निस्वा शिक्षण संस्थान खालिसपुर,मदरसा अशफाक उल्ला निस्वा शिक्षण संस्थान बनकटिया,मदरसा उस्मानिया निस्वा शिक्षण संस्थान बासुपार,मदरसा मुमताजुल उलूम बागखालिस,मदरसा मिलते इस्लामिया खालिसपुर, मदरसा वीर अब्दुल हमीद शिक्षण संस्थान मुजार आजमगढ़,मदरसा अशफाक उल्ला निस्वा बनकटिया,मदरसा दारुल उलूम बरडीहा,मदरसा पर जीयनपुर पुलिस द्वारा उनके प्रबंधकों पर गलत तरीके से मदरसा संचालन करने और सरकारी धन का गबन करने आदि का मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी हुई है। जिससे सभी क्षेत्र के मदरसा संचालकों पर हो रही कार्रवाई से हड़कम्प मचा हुआ है।
पूर्व में दर्ज हो चुके हैं 18 मुकदमें
आजमगढ़ जिले में संचालित हो रहे अस्तित्व विहीन और मानक का पालन न करने वाले मदरसा संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू हो गई है। इस अभियान के अब तक 27 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। जिले में मदरसा पोर्टल ऑनलाइन फीडिंग में 313 मदरसे मानक के अनुरूप नहीं मिले थे।
इस मामले में जब एसआईटी ने जांच की तो 219 मदरसों का अस्तित्व में ही नहीं रहे। इस मामले में ईओडब्ल्यू के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह की तहरीर पर जहां पहला मुकदमा जिले के कंधरापुर थाने में दर्ज किया गया था। वहीं अब FIR की संख्या 27 हो गई है जिसे लेकर मदरसा संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
2017 में इस बात की शिकायत सरकार से की गई थी। जहां 2017 में हुई जांच में 387 मदरसे वैध मिले, जबकि 313 मदरसे में गड़बड़ियां पाई गई थी। इसके बाद इस पूरे मामले की जांच शासन ने एसआईटी टीम को दी। 2022 में शासन को सौंपी में एसआईटी ने पाया कि 219 मदरसे ऐसे हैं जो अस्तित्व विहीन थे।
इन मदरसे के संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का शासन ने निर्देश दिया था। लेकिन अब तक इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं हो रही थी, शासन के निर्देश पर अब इन मदरसों के खिलाफ एफआई दर्ज होनी शुरू हो गई है। सभी थानों में एफआईआर की कॉपी पहुंच गई है। किसी थाने को 50 कॉपी तो किसी थाने को 20 कॉपी तहरीर मुकदमा दर्ज करने के लिए भेजी गई है। इस मामले में 6 फरवरी को पहला मुकदमा कंधरापुर थाने में दर्ज हुआ था।