चंडीगढ़ मेयर हरप्रीत कौर बाबला, लोगों से मिलकर उनकी शिकायतें सुनती हुईं।
चंडीगढ़ में नगर निगम कर्मचारियों ने पक्की नौकरी की मांग को लेकर मेयर हरप्रीत कौर बाबला से मुलाकात की। लगभग शाम चार बजे वे मेयर से मिले।
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बाबला से मिलने के लिए अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता और चंडीगढ़ प्रदेशाध्यक्ष पहुंचे। उनकी मांग थी कि नगर निगम कार्यालय में पक्के कर्मचारियों की मौत के बाद काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को पक्का करने पर विचार किया जाए। इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों की सैलरी समय से उन्हें मिले।
अमित खैरवाल (अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष) के मुताबिक यहां पर लगभग 250 से 300 केस पिछले 4 सालों से लंबित हैं, जिन पर वे मेयर की खास हस्तक्षेप चाहते हैं। इस पर मेयर हरप्रीत ने जवाब दिया कि वे इस मामले को गौर से देखेंगी। उन्होंने मोर्चा के लोगों से एक ड्राफ्ट और प्रेसेंटेशन बनाने को कहा है। जिसके बाद ही वह इस बारे में कुछ सोच सकती हैं।
अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता, बीजेपी चंडीगढ़।
डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर पर भी बोलीं मेयर मेयर हरप्रीत कौर बाबला ने कहा कि मैंने पहले दिन से ही कह दिया था कि डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर चाहे किसी भी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य मिलकर चंडीगढ़ को सुधारना होगा। किसी भी प्रकार की तलखी केवल एक अफवाह है।
मेयर ने बताया कि उनकी कल की गवर्नर के साथ मीटिंग बहुत पॉजिटिव रही, उन्हें पहली बार गवर्निंग काउंसिल का हिस्सा बनने पर गर्व है और उन्होंने लाल डोरे का बाहर के मकानों को बिजली और पानी देने के लिए कहा है। उन्होंने पेरीफेरी के गांव की बात तो की, लेकिन नयागांव को चंडीगढ़ का हिस्सा बनने की बात को वह टाल गईं।
सफाई के लिए कड़े प्रयास करेंगे मेयर ने कहा कि वह चंडीगढ़ के सफाई में गिरे रैंक से दुखी है, और वह प्रयासरत है कि चंडीगढ देश के पहले तीन साफ शहरों में नामांकित हो।