बैंकाें की लापरवाही इस बार किसानाें पर भारी पड़ सकती है। बैंकों ने रबी फसल खराबे के लिए हाेनेे वाले किसानाें के प्रधानमंत्री फसल बीमा की पॉलिसी इस साल गत साल के मुकाबले 99 हजार 877 कम है। फसल खराबे काे लेकर इस बार सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक, एसबीआई, राज
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अगर पाेर्टल पर डाटा ऑन लाइन नहीं हुआ ताे फसल बीमा पॉलिसी नहीं बन सकेगी। ऐसे में किसानाें काे रबी में अगर फसल खराब हाेता है ताे मुआवजा नहीं मिलेगा। इस साल सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक की ओर से गत साल की गई एक लाख 38 हजार 761 फसल बीमा पॉलिसी के स्थान पर महज 67 हजार 277 पॉलिसी ही बनाई है यानि गत साल के मुकाबले अब तक महज 48.48 प्रतिशत ही किसानाें के फसल बीमा हुए है।
एसबीआई की गत साल की 53 हजार 116 बीमा पॉलिसी के स्थान पर 26 हजार 669 पॉलिसी यानि 50.21 प्रतिशत ही बनी है। गत साल बैकाें की ओर से रबी सीजन में किसानाें के 2 लाख 31 हजार 788 फसल बीमा पॉलिसी की गई थी, लेकिन इस साल एक लाख 31 हजार 901 पॉलिसी ही बनाई गई है। पिछले साल एक लाख 8 हजार 29 हेक्टेयर रकबा का बीमा हुआ था। इस बार 94 हजार 539 हेक्टेयर रकबा में बीमा किया गया है। अब बैंकें 15 जनवरी तक प्रीमियम राशि काट सकती है और 30 जनवरी तक बीमा कंपनी के पाेर्टल पर डाटा अपलाेड करना हाेगा। कंपनी का पाेर्टल धीमा चल रहा है।
यह 3 बड़े कारण, जिससे नहीं हुआ बीमा
> सही समय पर बैंकाें में लाेन के पाेर्टल नहीं चल पाए। > बीमा पाेर्टल ने एक ही खसरा उठाया और पोर्टल बंद। > बैंकाें में कार्य अक्टूबर से शुरू करना था लेकिन दिसंबर में हुआ।
“बीमा कंपनी का पाेर्टल धीमे चलने के कारण फसल बीमा पॉलिसी कम बनी। पाेर्टल पर गांव व खसरे में एक ही फसल अा रही थी इसे सही करवाया गया। बीमा पॉलिसी काे अपलाेड करने की तिथि 31 जनवरी की गई है। ऐसे में काेशिश जारी है सभी पॉलिसी अपलाेड की जाएगी। हमारी ओर से बीमा पाेर्टल पर पॉलिसी अपलाेड करवाने की तारीख बढ़ाने के लिए लिखा गया था।”
– राजकुमार मीना, एलडीएम, एसबीआई।
“इस बार फसल बीमा पॉलिसी कम बनी है। इसके बारे में बीमा अनुभाग के अधिकारियाें काे पूछकर बता सकता हूं।”
– अनिल विश्नाेई, एमडी, दी सेंट्रल को ऑपरेटिव।