दशहरा का त्योहार आ रहा है और त्योहार पर पूजा समितियां भव्य तैयारियां कर रही हैं। बाजार में भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या पैदा हो गई है। यहां बस स्टैण्ड और स्टैण्ड की सुविधा नहीं है, जहां सड़कें संक्रान्ति हो…
मेराल, प्रतिनिधि। दशहरा का त्योहार दहलीज पर है। पूजा समितियां जहां भव्य तरीके से पूजा आयोजन और महोत्सव-मूर्ति निर्माण में लगी हुई हैं, वहीं आम लोग भी दशहरा उत्सव की तैयारियों में लगे हुए हैं। उक्त कारण बाजार में हलचल पहले भी अब बढ़ने लगी है। लोगों की बढ़ती वृद्धि से बाजार पर दबाव भी बढ़ गया है। जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित मेराल खंड मुख्यालय एनएच 75 गढ़वा-मुरीसेमर मार्ग पर स्थित है। यहां हर दिन दूसरे-दूसरे राज्यों से भी काफी संख्या में साझीदारी का उपदेश होता है। मुख्यालय मुख्यालय में कहीं भी बस पर्यवेक्षण नहीं होने से सैंडविच रोड किनारे ही शिखर कर दिए जाते हैं। उक्त कारण अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न होती है। मेराल पोर्टफोलियो आसपास के क्षेत्र का प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है। यहां तक कि यहां यूनिवर्सल फीचर्स की कमी भी है। यहां बस स्टैंड नहीं बन पाया है। न ही अभिलेख की व्यवस्था है। सार्वजनिक शौचालय भी नहीं है। बाजार में वाहन खड़ा करने से सड़कें संकरी हो जाती हैं। उनके शहर में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. मुख्यालय मुख्यालय से एनएच 75 गढ़वा-मुरी सेमर रोड है। उक्ति का कारण सामाज का अत्यधिक दबाव रहता है। उसके पास ही रेलवे स्टेशन से बॉक्साइट स्टोनिंग-लोडिंग भी स्थित है। सम्मिलन के दबाव के कारण शहर में जाम की समस्या आम बन जाती है। जाम की समस्या से मुक्ति के लिए स्थानीय लोग कई बार प्रशासन से संपर्क कर चुके हैं लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है। बाजार में आने वाले लोगों की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क किनारे ही वाहन खड़े होने को मजबूर हो रहे हैं। जाम के कारण कई बार सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। रसायन शास्त्र के अलावा रसायन विज्ञान भी नहीं है। स्थानीय पुलिस ही कभी-कभार जाम लगने से उसे हटा देती है। वहीं मेराल-डंडई रोड पर भी जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां भी बेतरतीब गाड़ियां खड़ी होती हैं। उनके बुक्स बुक्स भी स्टोर से बाहर का सामान रखते हैं। उनको भी परेशानी होती है. जिला मुख्यालय के उद्घाटन का कारण अक्सर लोगों का अवकाश त्योहार पर होता है। यहां भी पूजा भव्य तरीके से आयोजित की जाती है। सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोग भी यहां घूमने के लिए चौकी जाते हैं।