विजयपुर में आसान नहीं BJP-कांग्रेस की राह! तीन समाजों का साधना जरूरी, जानें जातीय समीकरण

Spread the love share


एमपी विधानसभा उपचुनाव 2024: मध्यप्रदेश में विजयपुर सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में प्रमुख दलों बीजेपी और कांग्रेस की राह आसान नहीं है. यहां जो भी प्रत्याशी आदिवासी-कुशवाह और जाटव समाज को साधने में सफल होगा, जीत उसी की होगी. विजयपुर विधानसभा सीट दो जनपद में बंटी है. इस विधानसभा क्षेत्र में 2 लाख 40 हजार वोटर्स हैं, जबकि 323 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी.

उपचुनाव को लेकर नामांकन करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर थी. दोनों ही प्रमुख दलों बीजेपी-कांग्रेस के साथ ही अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिए हैं. अब सभी पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. राज्य की बुधनी और विजयपुर सीट पर उपचुनाव 13 नवंबर को है, वहीं वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.

विजयपुर सीट पर क्या है जातीय समीकरण?

विजयपुर विधानसभा सीट क्षेत्र में आदिवासी, जाटव, कुशवाह, रावत, ब्राह्मण, यादव, किरार, गुर्जर, बघेल, ठाकुर, केवट, नामदेव, सेन, रजक, बढ़ई, गुसाईं, त्यागी, वाल्मीकि, खटीक, वंशकार, बंजारा, कुचबंधिया सहित अन्य समाज के लोग भी हैं. सबसे ज्यादा आदिवासी समाज के वोट हैं, जबकि इसके बाद जाटव और कुशवाह समाज भी अच्छी खासी संख्या में हैं.

विजयपुर से 9 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी जीती

मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर सबसे पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था. अब तक 15 चुनाव में जहां 9 बार कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है तो वहीं 6 बार बीजेपी चुनाव जीती है. लगातार 8 बार चुनाव लड़ चुके रामनिवास रावत को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

रामनिवास रावत दल बदलने के बाद प्रदेश सरकार में वन मंत्री हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रह चुके मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही प्रमुख दल के प्रत्याशियों की ओर से एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है.

विजयपुर सीट पर क्या रहा अब तक ट्रेंड?

बता दें वर्ष 2013 के चुनाव में आदिवासी प्रत्याशी होने के बाद भी बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकी थी, जबकि 2018 के चुनाव में बीजेपी के आदिवासी प्रत्याशी को जीत मिली. 2019 के लोकसभा चुनाव में जनजाति वर्ग ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था.

राजनीति के जानकारों का कहना है कि कुशवाह और रावत मतदाता एक दूसरे के एंटी रहे. ब्राह्मण, वैश्य मतदाता दोनों पार्टियों के पक्ष में रहते हैं, जबकि ओबीसी की अन्य जातियां हर बार परिस्थितियों के हिसाब से वोट करती आई है.

ये भी पढ़ें:

‘महल और झोपड़ी का चुनाव’, विजयपुर सीट पर उपचुनाव को लेकर बोले जीतू पटवारी, जानें BJP और कांग्रेस प्रत्याशियों की संपत्ति



Source link


Spread the love share

Leave a Reply